सीवान: किसानों की आय दोगुना करने के लिये सरकार मोटे अनाज की खेती पर फोकस कर रही है. किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिये अनुदान के अलावा नवीनतम तकनीक भी प्रदान कर रही है. चालू वित्तीय वर्ष में 10503 एकड़ में मोटे अनाज की खेती करने का लक्ष्य विभाग के तरफ से तय किया गया है. खेती को लेकर अनुदान पर करीब 4 करोड़ 21 लाख रुपये खर्च भी किये जायेंगे. जिले में किसानों को मोटे अनाज की खेती के प्रति बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग के तरफ से प्रयास किया जा रहा है. लक्ष्य मिलने के बाद से सभी प्रखंडों में कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मी योजनाबद्ध तरीके से कार्य में जुट गये है ताकि हर साल मौसम की मार से परेशान किसानों को राहत मिल सकें और उनकी आमदनी भी बढ़े. स्वास्थ्य के लिहाज से भी मोटे अनाज को काफी फायदेमंद बताया गया है. आम लोगों को भी मोटे अनाज को अपने भोजन में शामिल करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. मोटे अनाज की मांग बढ़ने के पीछे उनमें पाए जाने वाले पोषक तत्व है. चिकित्सक भी गेहूं व धान की अपेक्षा मोटे अनाज का सेवन करने की सलाह देने लगे हैं.बाजार में वर्तमान समय में मोटे अनाज की मांग भी बढ़ रही है. जिसे देखते हुये किसानों को बेहतर आमदनी होने की पूरी संभावना है.क्लस्टर में मोटे अनाज की खेती करने पर सरकार अनुदान भी दे रही है. विभागीय मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में ज्वार की खेती 20 क्लस्टर में होगी. इसके लिये 450 एकड़ का लक्ष्य मिला है. वहीं अनुदान पर 18 लाख रुपये खर्च किया जायेगा. बाजरा की खेती 56 क्लस्टर में होगी और 1400 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस पर 56 लाख रुपये अनुदान के रूप में खर्च होने है. सबसे अधिक रागी की खेती 280 क्लस्टर में होने है. इसका लक्ष्य विभाग ने 7000 एकड़ रखा है. किसानों के बीच 2 करोड़ 80 लाख रुपये अनुदान के रूप में वितरित किया जाना है. साथ ही कोदो, सावां, चीना, कांगनी, कुटनी की खेती भी होगी. इन सभी के लिये 67 क्लस्टर बनेंगे और 1680 एकड़ का लक्ष्य विभाग ने तय किया है. इस योजना पर अनुदान के रूप में 67 लाख रुपये खर्च किये जाने है. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में किसानों के बीच मोटे अनाज की खेती करने को लेकर लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. सरकार के तरफ से लक्ष्य मिलने के बाद प्रखंडवार लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. सभी प्रखंडों में खेती होगी.
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