दरभंगा. डीएम राजीव रोशन ने तीनों एसडीएम सहित संबंधित सीओ से कहा है कि अग्निकांड की सूचना प्राप्त होते ही घटनास्थल पर पहुंच कर राहत एवं बचाव के कार्य सुनिश्चित करें. साथ ही आवश्यकता अनुसार फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर रवाना करें. कहा है कि अग्निकांड के 24 घंटे के अंदर पीड़ितों के बीच पॉलीथिन शीट, नकद पैसा, वस्त्र एवं बर्तन के लिए अनुदान उपलब्ध कराना है. घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था करनी है. मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान का भुगतान अविलंब किये जाने को कहा है. डीएम ने बताया कि जिले में अग्निकांड की घटनाओं में प्रशासन द्वारा तत्काल रूप से पीड़ितों को जीआर की राशि सहित वस्त्र बर्तन एवं खाद्यान्न के लिये 12 हजार रुपये उपलब्ध कराये जा रहे हैं. झोपड़ी, पक्का मकान के पूर्ण, आंशिक क्षतिग्रस्त होने पर आपदा प्रबंधन विभाग के प्रावधानों के अनुरूप भुगतान की करवाई की जाती है. पूर्ण रूप से आवासीय झोपड़ी क्षतिग्रस्त होने पर 8000 रुपये का अनुदान देय है. डीएम ने आगजनी से बचाव को लेकर कहा कि स्टोव या लकड़ी, गोइठा आदि के जलावन वाले चूल्हे पर खाना बनाते वक्त सावधानी बरतें. हमेशा सूती वस्त्र पहन कर ही खाना बनावें. गेहूं ओसनी का काम हमेशा रात में तथा गांव के बाहर खलियान में जाकर करें. घर व खलियान पर समुचित पानी व बालू की व्यवस्था रखें. खाना पकाते समय रसोईघर में वयस्क मौजूद रहे. बच्चों को अकेला नहीं छोड़ें. खिड़की से स्टोव के बर्नर तक हवा नहीं पहुंच पाए, इस बात की पूरी तसल्ली कर लें. तौलिये या कपड़े का इस्तेमाल सावधानी से गर्म बर्तन उतारने के लिए करें. कहा कि तैलीय पदार्थ से लगी आग पर पानी नहीं डालें. सिर्फ बेकिंग सोडा, नमक डालें या उसे ढंक दें. गैस चूल्हे का इस्तेमाल करने के तुरंत बाद सिलेंडर का नॉब बंद कर दें. बिजली के तारों एवं उपकरणों की नियमित जांच करें. घर में अग्निशमन कार्यालय तथा अन्य आपातकालीन नंबर लिखा हुआ हो, और घर के सभी सदस्यों को इन नंबरों के बारे में पता हो. आग लगने पर दमकल विभाग को फोन करें और उन्हें अपना पूरा पता बतायें.
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