14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चिलचिलाती धूप में खुले आसमान के नीचे खेत में चौकी लगाकर रहने को विवश हैं अग्निपीड़ित

अग्नि की ऐसी लहर थी कि पूरे महादेव मठ को कुछ ही क्षणों में खलिहान बना दिया.

संतोष पोद्दार, कुशेश्वरस्थान पूर्वी. चिलचिलाती धूप में खुले आसमान के नीचे खेत में दो चौकी को खड़ा कर उसपर साड़ी डालकर बच्चे व बकरी को लेकर फफक-फफककर रोती महिला को देखकर लोगों की आंखें स्वत: ही नम हो जामी है. रोते हुए महिला बोल रही थी कि हे भगवान हम गरीब महादलित बस्ती लोकक कि अपराध भेल जे एक क्षण मे सब उजाड़ि देलहक. आब हमसब कोना के दिन-राति गुजारबै…कहते चीत्कार मारकर रोने लगी. यह नजारा महादेव मठ गांव का है. बता दें कि गुरुवार की दोपहर लगभग 12 बजे बिजली की शॉर्ट-सर्किट से गांव में आग लग गयी. देखते ही देखते आग ने पूरे गांव को अपने आगोश में ले लिया. 24 घंटा बाद भी आग सुलग रही थी, जिसे शुक्रवार को भी सीओ गोपाल पासवान, बीडीओ किशोर कुमार घटना स्थल पर पहुंचकर अग्निशमन कर्मी की मदद से काबू पाया. अग्नि की ऐसी लहर थी कि पूरे महादेव मठ को कुछ ही क्षणों में खलिहान बना दिया. पीड़ित मीरा देवी ने बताया कि दामाद को शादी में गाड़ी नहीं दिए थे. उसे देने के लिए बाइक खरीदे थे, वह भी जलकर राख हो गया. अब कहां से क्या करें. मनिका देवी, कैलू राम, विजय राम, उत्तिम राम समेत सैकड़ो पीड़ितों का कहना है कि अब कैसे वे लोग जीयेंगे. प्रशासन द्वारा तो भोजन मिल जायेगा, लेकिन रहने के लिए एक ही रेज्ड प्लेटफॉर्म पर पूरे गांव के लोग जीवन कब तक बीता पायेंगे. बता दें कि महादेव मठ गांव में लगभग 12 वर्ष पहले भी आग लगी थी. उसमें भी 250 घर समेत सभी सामान जलकर राख हो गये थे. इधर सीओ व बीडीओ ने दूसरे दिन भी घटनास्थल पर मौजूद रहे. बारीकी से आग के बचे अवशेष से निकल रही चिंगारी को शांत कराते रहे. अग्निपीड़ित लोग खेत में प्लास्टिक लगाकर जीवन गुजार रहे थे. सीओ ने बताया कि देर रात तक कैम्प कर सामुदायिक किचेन द्वारा पीड़ितों को भोजन दिया जा रहा है. तत्काल पॉलीथिन सीट भी दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पीड़ितों के ठहराव की व्यवस्था बाढ़ शरणस्थली व हेलीपैड पर की गयी है. पीड़ित परिवारों की सूची बनायी जा रही है. सरकारी सहायता राशि पीड़ित परिवारों को उपलब्ध कराया जायेगा. हरसंभव सहायता के लिए प्रशासन तत्पर है. प्रशासन की ओर से रेज्ड प्लेटफार्म पर टेंट लगाया गया है कि, ताकि पीड़ित परिवारों को धूप से राहत मिल सके और भोजन करने के लिए या बैठने व सोने के लिए स्थान हो सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें