संवाददाता, पटना जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने शनिवार को अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि आरक्षण के कर्पूरी मॉडल पर तेजस्वी यादव के बयान से साफ हो गया है वह दलितों, पिछड़े और अतिपिछड़े समाज का आरक्षण घटाना चाहते हैं. वे ऐसा क्यों करना चाहते हैं? वह जान लें कि 14 करोड़ बिहारी मर-मिट जायेंगे, लेकिन आरक्षण घटाने के उनके मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे. अपने पोस्ट में राजीव रंजन ने लिखा कि कर्पूरी ठाकुर के समय केवल दलित समाज को आरक्षण मिला करता था. कर्पूरी ठाकुर ने पिछड़े-अतिपिछड़े समाज की व्यथा को समझा और पहली बार उन्हें आरक्षण देने का क्रांतिकारी काम किया. उस समय उन्होंने पिछड़े समाज को 8% और अतिपिछड़े समाज को 12% का आरक्षण दिया था. बाद में कांग्रेस और राजद की सरकारें आयीं, लेकिन उन्होंने न तो किसी नये वर्ग को आरक्षण दिया और न ही दलितों-पिछड़ों-अतिपिछड़ों के आरक्षण को बढ़ाया. कर्पूरी ठाकुर के बाद यह नीतीश कुमार ही हैं, जिनके कारण अब बिहार में 75% आरक्षण का प्रावधान किया जा चुका है, जो देश में सर्वाधिक है.
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