मुजफ्फरपुर. प्रधामनंत्री विशेष विमान से दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचे. वहां से सड़क मार्ग से दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय परिसर स्थित ऐतिहासिक राजमैदान में सभा स्थल पहुंचे. पीएम के दौरे को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. सघन तलाशी लेने के बाद ही कार्यक्रम स्थल में प्रवेश कराया जा रहा था. वीआइपी, पासधारकों को भी सुरक्षा जांच के बाद एंट्री मिली. 3000 से अधिक पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान मुस्तैद थे. बम निरोधक दस्ता, श्वान दस्ता, इंटेलीजेंस, स्नाइपर आदि दस्ता अलग से तैनात किए गए थे. सभा में आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए पूरे क्षेत्र को जोनों में बांटा गया था. पार्किंग के लिए शहर के विभिन्न इलाकों में आठ जोन बनाए गए थे. डीएम राजीव रोशन और एसएसपी जगुनाथ रेडी सहित तमाम आला अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था से लेकर अन्य इंतजामों का जायजा लेते रहे. ऐसे की जाती है पीएम की सुरक्षा प्रधानमंत्री जैसे वीवीआईपी की सुरक्षा हमेशा से ही एक गंभीर मुद्दा रही है. समय के साथ- साथ प्रधानमंत्री की सुरक्षा ज़रूरतों में भी बदलाव होते रहे हैं. प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए 1985 में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की स्थापना की थी. 1988 में एसपीजी एक्ट पारित किया हुआ. खास तरह से ट्रेंड एसपीजी के जवान प्रधानमंत्री के साथ उनकी परछाई बनकर चलते हैं. पीएम जहां भी जाते हैं एसपीजी उस जिला प्रशासन के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करता है. एसपीजी के लिए ब्लूबुक में दर्ज सुरक्षा के नियम ही उनका संविधान है. काला सफारी सूट, हाथ में हथियार और आंखों पर काला चश्मा. कान में इयरपीस और शर्ट या पेंट की जेब में लगा वॉकी-टॉकी. एसपीजी के जवान- की पहचान बन गई है.
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