चार माह में 151 अग्निकांड की घटना में जले 1179 घर, 15 करोड़ से अधिक की संपत्ति खाक
सबसे अधिक सदर अनुमंडल क्षेत्र में घटित हुई घटना
सदर अनुमंडल अग्निशामालय पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि बिहार अग्निशमन सेवा सुपौल द्वारा गांव से लेकर शहर तक प्रतिदिन आग से बचाव को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही मॉक ड्रील के माध्यम से आग से बचाव की जानकारी भी दी जा रही है. अग्निशमन विभाग द्वारा आग से बचाव को लेकर कई दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है. जिसमें बताया गया है कि झुग्गी झोपड़ी बनाने में इस्तेमाल सामान जलने वाला न हो, इन्हें बनाने में प्लास्टिक शीट, कपड़े, तिरपाल आदि का इस्तेमाल न करते हुए लोहे के पोल, सीमेंट या टिन की चदरे, ईंट आदि का इस्तेमाल करें. झुग्गी के अंदर व बाहर मिट्टी का लेप करने से आग से बचाव किया जा सकता है. झुग्गी झोपड़ी में कम से कम तीन से चार मीटर की दूरी अवश्य रखें. बिजली का अनाधिकृत उपयोग न करें, अधिकृत रूप से बिजली के मीटर से कनेक्शन लें. नंगी तारों का उपयोग न करके प्लग-सॉकेट का इस्तेमाल करें, घर से बाहर जाते समय सभी बिजली का उपकरण बंद कर दें, अधिकृत एलपीजी सिलिंडर खरीदें, इस्तेमाल के बाद रेगुलेटर बंद कर दें, बीड़ी-सिगरेट, माचिस आदि इधर-उधर न फेंके. पटाखे आदि न जालाएं, यह ज्वलनशील है और खतरनाक आग का कारण हो सकता है. हमेशा अग्नि सुरक्षा उपायों जैसे पानी की बाल्टी, रेत की बाल्टी, गमला आदि में पानी रखें और हमेशा अपने पहुंच में रखें. मिट्टी के तेल, स्टोव, चूल्हे का इस्तेमाल कम करें, खाना बनाने के बाद चूल्हे की आग को पूरी तरह बुझा दें. आग लगने पर तुरंत सभी लोगों की सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में मदद करें, बच्चों, बुजुर्गों व अपाहिज लोगों का विशेष ध्यान रखें, तुरंत फायर ब्रिगेड बिहार अग्निशमन सेवा को 101 नंबर पर सूचित करें, यह सेवा मुफ्त है. फायर सर्विस की गाड़ी आने के लिए रास्ता रखें, गाड़ी को रास्ता दें और आग तक पहुंचने में मदद करें.
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