औरंगाबाद. शनिवार को जिला कृषि पदाधिकारी की अध्यक्षता में संयुक्त कृषि भवन के सभा कक्ष में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा (कृषोनति योजना) एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अधीन मोटे अनाज (पोषक अनाज) उपजाने के लिए यथा मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी या मडुआ फसल पर प्रशिक्षण दिया गया. उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी राम ईश्वर प्रसाद, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र, सिरीस पंकज कुमार सिन्हा, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी औरंगाबाद अजीत कुमार पासवान, संतोष कुमार, शालीग्राम सिंह, राजीव रंजन सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस दौरान डीएओ द्वारा कृषि विभाग के निर्देशानुसार मोटे अनाज (पोषक अनाज) उपजाने के लिए यथा मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी या मडुआ, कौनी/चीना का कलस्टर निर्माण एवं खरीफ वर्ष 2024-25 की तैयारी हेतु विषेष जोड़ दिया गया. इस जिले में इस वर्ष मोटे अनाज की संचालित विभिन्न योजनाओं में दिये जाने वाले प्रत्यक्षण के बारे में यथा ज्वार प्रत्यक्षण, 1200 एकड़, बाजरा प्रत्यक्षण 500 एकड़, मडुआ प्रत्यक्षण 3282 एकड़ व कौनी प्रत्यक्षण 1500 एकड़, 10 वर्ष से कम अवधि के धान प्रत्यक्षण (राष्ट्रीय कृषि विकास योजना) 1342 क्विंटल, 10 वर्ष से अधिक अवधि के धान प्रत्यक्षण (राष्ट्रीय कृषि विकास योजना) 293 क्विंटल एवं मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना (राज्य योजना) 213 क्विंटल बीज वितरण किया जाना है. मोटे अनाज की खेती कलस्टरवार करना है. प्रत्येक कलस्टर 25 एकड़ का होगा. मोटे अनाज की सफलता की रणनीति के बारे में कृषि विज्ञान केंद्र से आये हुए वैज्ञानिक द्वारा प्रशिक्षण दिया गया.
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