15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कचरा वाला की प्रस्तुति के साथ संपन्न हुआ एकल नाट्य महोत्सव

निर्माण रंगमंच की ओर से आयोजित सफदर हाशमी एकल नाट्य महोत्सव 2024 का समापन नाटक कचरा वाला की प्रस्तुति के साथ हुआ. निर्माण रंगमंच की ओर से प्रस्तुत इस नाटक के लेखक और अभिनेता तरुणेश कुमार तथा निर्देशक क्षितिज प्रकाश थे. शहर के बागमली सांचीपट्टी में विवेकानंद कॉलोनी स्थित संस्था कार्यालय परिसर में आयोजित नाट्य महोत्सव के आखिरी दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन कुमार वीरभूषण ने किया. वरिष्ठ रंगकर्मी व संस्था के सचिव क्षितिज प्रकाश ने अतिथियों का स्वागत किया. मौके पर नाटककार अखौरी चंद्रशेखर, पुष्पम, रविशंकर पासवान समेत अन्य रंगकर्मी, संस्कृतिकर्मी व नाट्यप्रेमी उपस्थित थे.

हाजीपुर. निर्माण रंगमंच की ओर से आयोजित सफदर हाशमी एकल नाट्य महोत्सव 2024 का समापन नाटक कचरा वाला की प्रस्तुति के साथ हुआ. निर्माण रंगमंच की ओर से प्रस्तुत इस नाटक के लेखक और अभिनेता तरुणेश कुमार तथा निर्देशक क्षितिज प्रकाश थे. शहर के बागमली सांचीपट्टी में विवेकानंद कॉलोनी स्थित संस्था कार्यालय परिसर में आयोजित नाट्य महोत्सव के आखिरी दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन कुमार वीरभूषण ने किया. वरिष्ठ रंगकर्मी व संस्था के सचिव क्षितिज प्रकाश ने अतिथियों का स्वागत किया. मौके पर नाटककार अखौरी चंद्रशेखर, पुष्पम, रविशंकर पासवान समेत अन्य रंगकर्मी, संस्कृतिकर्मी व नाट्यप्रेमी उपस्थित थे. वर्तमान समय और समाज की विसंगतियों की चर्चा करते हुए अतिथियों ने नाटक को जनसंवाद का सशक्त माध्यम बताया. प्रतिकूल परिस्थितियों में नाट्यकर्म को जारी रखने के लिए रंगकर्मियों तथा निर्माण रंगमंच के प्रयासों की सराहना की.

अभिनेता तरुण कुमार ने अपने भावपूर्ण अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया और नाट्य प्रस्तुति को जीवंत बनाया. नाटक कचरा वाला का कथासार यूं है कि पप्पू एक अनाथ लड़का है, जो अपना जीवन चलाने के लिए कचरे चुनने का काम करता है. कचरा चुनते-चुनते ही वह सयाना हो जाता है. उसका एक दोस्त है सपनू , जो कुत्ता है और हमेशा उसके साथ साये की तरह रहता है. एक दिन कचरे में पप्पू को एक नवजात लावारिस बच्ची मिलती है. वह उस अनाथ बच्ची को उठाकर उसे अस्प्ताल पहुंचाता है. पप्पू बहुत होशियार और समझदार लड़का है. वह अपनी जिंदगी में हमेशा हंसते हुए दूसरे लोगों को सीख भी देता है. वह लोगों को जीवन का महत्व और जीने का मकसद बताता है.

नाटक में गंगा की सफाई, नमामि गंगे परियोजना, नदी किनारे शौच, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, आधार, राजनेता, चुनाव, शिक्षा व्यवस्था, गरीबी आदि विषयों पर चुटीले व्यंग्य किये गये हैं. नाटक में रविशंकर पासवान ने लाइट, प्रशांत कुमार ने साउंड, मंजेश कुमार ने सेट डिजाइन, पुष्पम ने वस्त्र विन्यास, विवेक कुमार ने कैमरा, यशवंत राज ने वीडियोग्राफी और पवन कुमार अपूर्व ने मंच व्यवस्था संभाली.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें