समस्तीपुर: शहर के कोर्ट कैंपस स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) मेन ब्रांच के मुख्य शाखा प्रबंधक विवेकानंद ठाकुर ने नगर थाना में एक लिखित आवेदन देकर बैंक के साथ धोखाधड़ी करने और धनराशि का दुरुपयोग करने की प्राथमिकी दर्ज कराई है. इसमें नगर थाना के पुरानी पोस्ट ऑफिस रोड मुहल्ला स्थित एक प्रतिष्ठान के प्रोपराइटर की पत्नी को नामजद किया है. बताया कि वर्ष 2021 में 28 जनवरी को एसबीआई शाखा से सामान्य स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत उपभोक्ता महिला ने भोज्य एवं पेय पदार्थ के थोक क्रय विक्रय व्यवसाय के लिए अपने बैंक खाता में कैश क्रेडिट ऋण 15 लाख रुपये स्वीकृत कराया था. इसके बाद 23 सितंबर को 35 लाख रुपये कर दिया गया. इसका वर्तमान बकाया ऋण 35 लाख 40 हजार 365 रुपये ब्याज सहित है. इसमें प्राथमिक प्रतिभूति के रूप में सभी सामग्रियों का स्टॉक होता है. जिसपर बैंक का प्रभार होता है एवं संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में सीजीटीएमएसइ के द्वारा गांरटी दी जाती है. दर्ज प्राथमिकी में शाखा प्रबंधक ने बताया कि ऋण के लिए चूककर्ता ऋणी ने बैंक के साथ ऋण अनुबंध किया था. इसके अनुसार ऋणी बैंक के कैश क्रेडिट खाता से व्यवसाय सामग्री खरीदकर स्टॉक करेगा, जिसका विवरण प्रत्येक माह के अंतिम तिथि को को उपलब्ध स्टॉक का विवरण बैंक को उपलब्ध कराएगा एवं बैंक स्टॉक को जांचकर ऋणी इकाई को ऋण खाता से आहरण सीमा उपलब्ध स्टॉक से मार्जिन कम कर देगा एवं स्टॉक बेचकर ऋणी राशि कैश क्रेडिट खाता में जमा करेगा. इससे बैंक ब्याज एवं अन्य प्रभार समयानुसार डेबिट कर लेगा एवं शेष बची हुई राशि से ऋणी अपना व्यवसाय करेगा. लेकिन, चूककर्ता ऋणी ने बैंक ऋण अनुबंध के विरुद्ध कार्य किया. बीते 15 मार्च को बैंक के क्षेत्राधिकारी ने उक्त ऋणी उपभोक्ता के प्रतिष्ठान की जांच की. इस क्रम में प्रतिष्ठान के अंदर से प्राथमिक प्रतिभूति स्टॉक गायब था, जो ऋणी ने बेच दिया था. इसके कारण बैंक को राजस्व की क्षति हुई. थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने बताया कि आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है