Lok Sabha Elections: पटना. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का चुनाव प्रचार आज शाम थमने जा रहा है. दो चरणों के चुनाव के बाद बिहार में एक बार फिर से इलेक्टोरल बॉन्ड पर घमासान शुरू हो गया है. भाजपा और राजद आमने-सामने आ गई है. भाजपा ने राजद पर शराब कंपनियों से पैसे लेने का आरोप लगाया है. वहीं राजद ने भी भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाने का काम किया है. राजद पर आरोप है कि पार्टी ने बंगाल की ऐ ऐसी कंपी से चुनावी चंदा लिया है जो आयकर विभाग को कारोबार में अपना घाटा दिखाया है.
घाटे की कंपनी दे रही है राजद को चंदा
भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि बिहार में जो अवैध शराब बिक रही है, इसका सीधा कनेक्शन राजद से है. उन्होंने इसके सबूत के तौर पर राजद को चुनावी चंदा देनेवाली कंपनियों के लिस्ट दिखाई. बीजेपी नेता नीरज कुमार ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजद को 74 करोड़ का चंदा मिला है. जिसमें 63 फीसदी पैसा सिर्फ शराब बनाने और बेचनेवाली कंपनियों से मिला है. तभी बिहार में इतनी मात्रा में अवैध शराब बिक रही है. ज्यादातर कंपनियां पश्चिम बंगाल की है. कुछ कंपनियां तो ऐसी हैं, जो डायरेक्ट टैक्स में खुद को घाटे में दिखा रही हैं. ऐसे में तेजस्वी यादव का पश्चिम बंगाल से क्या कनेक्शन है. ये बताना चाहिए.
बंगाल की शराब कंपनी से लिया चुनावी चंदा
इससे पहले जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने भी बड़ा दावा किया था. और कहा था कि तेजस्वी यादव की पार्टी राजद ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से सबसे ज्यादा पैसा पश्चिम बंगाल की एक शराब कंपनी से लिया है. बॉन्ड से चंदे की यह राशि कंपनी की बचत से भी ज्यादा है, जिससे यह मालूम होता है कि तेजस्वी यादव की पार्टी ने बंगाल की शराब कंपनी से सांठ-गांठ की है. बीजेपी के इन आरोपों पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा वालों को तो शराब के नाम से ही नशा चढ़ जाता है. बिहार में पूरी तरह से जनता नकार रही है, खदेड़ रही है. तब ये सब लेकर आ रहे हैं. इससे कुछ फायदा होने वाला है. पहले अपना हिसाब दें कि हजारों हजार करोड़ रुपए किससे चंदा लिया है.