Brazil Floods : ब्राजील में आए भयंकर बाढ़ की वजह से 70 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. पोर्टो एलेग्रे शहर इस बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. यहां आए भयंकर तूफान और बारिश की वजह से भूस्खलन भी बहुत हुआ है, जिससे अबतक 57 लोगों की मौत हुई है, 74 लोग घायल हुए है और लगभग 67 लापता हैं. यह सूचना ब्राजील की सुरक्षा एजेंसियों के जरिए मिली है.
नदियों में जलस्तर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा
बताया जा रहा है कि पिछले 150 साल में आए किसी भी बाढ़ से यह ज्यादा भयावह बाढ़ है. बताया जा रहा है कि यहां कि गुइबा नदी जो शहर से होकर बहती है, उसमें जलस्तर ऐतिहासिक ऊंचाई पर है. 1941 में आए बाढ़ में नदी का जलस्तर 4.76 मीटर था, जो इस वर्ष 5.04 मीटर हो गया है. सरकार ने प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन बाढ़ इतना भयंकर है कि पानी, बिजली और आवागमन की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. 10 लाख से अधिक लोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं.
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विमान और बस सेवा बुरी तरह प्रभावित
बाढ़ प्रभावित इलाकों से पीड़ितों को निकालने की कोशिश तो हो रही है, लेकिन बस अड्डों पर लंबी लाइन लगी है. कई जगहों पर बस सेवा भी रद्द है. विमान सेवा प्रभावित है, अधिकतर उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. स्थिति इतनी भयावह है कि इन इलाकों में स्थिति सामान्य करने के लिए मार्शल योजना की जरूरत होगी. इंस्टाग्राम पर एक लाइव वीडियो में गवर्नर लेइट ने कहा कि स्थिति अभूतपूर्व है. अबतक के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है. फसल बर्बाद हो चुकी है, जिसमें सोया, चावल, गेहूं और मकई प्रमुख है. जहां तक नजर जा रही है, रिहाइशी इलाके पानी में डूबे हुए हैं. सड़क, पुल सभी बह गए हैं.
ग्लोबल वार्मिंग और अल नीनो का प्रभाव
बचाव कार्य बुरी तरह प्रभावित है, क्योंकि बचावकर्मी पीड़ितों तक पहुंच नहीं पा रहे हैं, उनके कमर तक पानी है और सड़कें पानी में बह चुकी हैं. सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात य है कि जलवायु वैज्ञानिक फ्रांसिस्को एलिसेउ एक्विनो ने कहा कि ब्राजील में आए बाढ़ की वजह विनाशकारी तूफान ग्लोबल वार्मिंग और अल नीनो का प्रभाव है. कुछ समय पहले ब्राजील ने चक्रवात को भी झेला था जिसमें 31 लोगों की मौत हुई थी.