रांची (संवाददाता). मोरहाबादी स्थित चिल्ड्रेन पार्क में विभिन्न आदिवासी संगठनों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झारखंड दौरे पर चर्चा हुई. मौके पर आदिवासी संगठनों की ओर से कहा गया कि प्रधानमंत्री का झारखंड दौरा विफल रहा है. संगठनों के नेताओं अजय तिर्की, लक्ष्मीनारायण मुंडा, प्रेमशाही मुंडा, अभय भुंट कुंवर, कुंदरसी मुंडा और निरंजना हेरेंज सहित अन्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड के आदिवासी मूलवासी लोगों को असली मुद्दों से भटका रहे हैं. आदिवासी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री को अगर आदिवासियों की इतनी ही चिंता थी, तो सरना धर्म कोड, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण और 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति को राजभवन से रोका क्यों गया.
डिलिस्टिंग के मुद्दे पर चुप रहे प्रधानमंत्री
नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री आदिवासियों के डिलिस्टिंग के मुद्दे, हसदेव जंगल की नीलामी कर आदिवासियों को उजाड़ने और मणिपुर पर चुप रहे. उन्होंने मध्यप्रदेश में हुए पेशाब कांड पर भी कुछ नहीं बोला. इसके अलावा उन्होंने महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी कुछ नहीं कहा. केंद्रीय सरना समिति के अजय तिर्की ने कहा कि पेसा कानून, सीएनटी एक्ट में छेड़छाड़ जैसे मुद्दों पर भी प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा. वहीं आदिवासी जनपरिषद के प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि अच्छे दिन कब आयेंगे.आदिवासियों की रक्षा की बात नहीं की
आदिवासी समन्वय समिति झारखंड के समन्वयक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री आदिवासियों की रक्षा की बात नहीं करते हैं. पलायन पर रोक लगाने की बात नहीं करते हैं. गांव जंगल में रहनेवाले आदिवासियों की दशा कैसे सुधरे, इस पर बात नहीं करते हैं. मौके पर अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है