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आचार संहिता के बाद बच्चों को मुहैया करायी जाएगी करियर से जुड़ी सुविधाएं

जिला प्रशासन और डीबीएल कोल कंपनी की ओर से यंग परफॉर्मेंस काउंसिलिंग सेशन सह सम्मान समारोह का आयोन किया गया. इस दौरान जिले के 100 मेधावी बच्चों को सम्मानित किया गया.

पाकुड़. जिला प्रशासन एवं डीबीएल कोल कंपनी के संयुक्त तत्वावधान में यंग परफॉर्मेंस काउंसिलिंग सेशन सह सम्मान समारोह का आयोजन रविवार को रवींद्र भवन टाउन हॉल में आयोजित किया गया. इस दौरान झारखंड बोर्ड की माध्यमिक परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिले के 100 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया. साथ ही उनका कैरियर काउंसिलिंग भी किया गया. बतौर मुख्य अतिथि डीसी मृत्युंजय कुमार वर्णवाल मौजूद थे. वहीं मंच पर डीईओ सह डीएसई नयन कुमार, सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ मनीष कुमार, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी राजकमल मिश्रा, बीडीओ समीर अल्फ्रेड मुर्मू, डीबीएल कंपनी के एवीपी ब्रजेश कुमार, डीबीएल के जीएम राधारमण राय, एसबीआई के चीफ मैनेजर अजय प्रसाद गिरि, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार मौजूद थे. इस दौरान सभी मेधावी छात्र-छात्राओं को स्मार्ट वॉच देकर सम्मानित किया गया. वहीं कार्यक्रम स्थल पर सभी छात्र-छात्राओं से एक फॉर्म भरवाया गया, जिसमें उनकी रुचि के क्षेत्र की जानकारी ली गयी. जैसे कि वे इंजीनियर, मेडिकल, क्लैट, मैनेजमेंट या अन्य किसी क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं. फॉर्म भरने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उनकी रुचि के हिसाब से कोचिंग या अन्य व्यवस्थाएं कराने का प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किया जाएगा.

आपके सपनों की उड़ान को आसान बनाना है : डीसी

कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को संबोधित करते हुए डीसी मृत्युंजय कुमार वर्णवाल ने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य आपके सपनों की उड़ान को आसान बनाना है. आपको अपने कैरियर के निर्माण के लिए 5 साल तक मेहनत करना है. इसमें हम सहयोग करेंगे और पांच साल बाद आप अपने लक्ष्य को पा सकते हैं. वहीं उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे कुछ करें तो आपको घरेलू कामों से अपने बच्चों को दूर रखना होगा. साथ ही साथ बच्चों की पढ़ाई पर भी नजर रखना होगा. उन्होंने बताया कि सभी बच्चों से फॉर्म भरवाया गया है. इस फॉर्म में बच्चों ने अपने रुचि के क्षेत्र की जानकारी दी है. आचार संहिता की समाप्ति के बाद बच्चों के फॉर्म में अंकित रुचि के आधार पर उन्हें कोचिंग की सुविधा जिला प्रशासन और कोल कंपनी द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी. उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई में अब पैसा फैक्टर नहीं है. बिना किसी गारंटी के अब बैंकों द्वारा लोन दिया जा रहा है. इसलिए अभिभावक को पैसे की चिंता नहीं होनी चाहिए. बच्चे अच्छे क्षेत्र में जाएंगे तो बैंक का कर्ज चुकाना बिल्कुल आसान हो जाएगा.

हरसंभव मदद मुहैया करायी जाए : डीबीएल

वहीं इस दौरान डीबीएल कोल कंंपनी के एवीपी ब्रजेश कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर जिले के मेधावी बच्चों की पढ़ाई की सुविधा को लेकर हरसंभव मदद मुहैया करायी जाएगी. इससे जिले में शिक्षा के स्तर में सुधार हो और जिले के बच्चे बेहतर परिणाम हासिल करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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