प्रतिनिधि, मुंगेर. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करारी टोला तौफिर गांव में रविवार की दोपहर भीषण अग्निकांड हुआ. इसमें 40 सेे अधिक घर जलकर राख हो गये. कई घरों में रखे लाखों की नकदी जलकर राख हो गया, वहीं घर में रखे हजारों बोरा गेहूं व मकई सहित अन्य समान जल गया. जिन घरों में आग लगी उस घर में एक सुई तक नहीं बची थी. पीड़ित परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. इधर, अग्निशमन विभाग की टीम और ग्रामीणों के अथक प्रयास से आग पर काबू पाया गया. बताया जाता है कि राख के ढेर से रविवार को एक चिंगारी निकल कर सुबोध यादव के घर में आग लग गयी. जब तक लोग उसे बुझाने का प्रयास किया, तब तक आग ने एक के बाद एक 40 घरों को अपने गिरफ्त में ले लिया. एक ओर जहां घरों से आग की लपटें उठने लगी. वहीं बथान पर रखे भूसा के ढेर में भी आग की लपटें उठने लगी. आग की चपेट में आने से सुबोध यादव, रविन यादव, दिलखुश यादव, ब्रजेश यादव, सुमन यादव, रूमन यादव, लवकुश यादव, फंटुस कुमार, उदय यादव, आदर्श यादव, अमन यादव, गुन्नी यादव, आकाश यादव, कर्मवीर यादव, अजीत यादव, रामदेव यादव सहित 40 घर जलकर राख हो गया. खेतों से तैयार कर घर में रखा गेहूं और मकई की बोरी जल गयी. ग्रामीण ध्रुवदेव कुमार सहित अन्य ने बताया कि चूल्हे से निकली राख महिलाएं घर के पास ही फेंकती है. उसी राख की ढेर से चिंगारी निकली और सुबोध यादव के घर में आग लग गयी. यह गांव खेती-किसानी पर आश्रित है. किसान व मजदूर सभी खेती से तैयार कर गेहूं और मकई अपने घर में रखा था. जबकि कुछ लोगों ने बथान पर रखे भूसे के ढेर में गेहूं का अनाज रखा था. इस अगलगी में 1000 से अधिक बोरा अनाज जल कर राख हो गया. जो उसके साल भर की कमाई का बड़ा हिस्सा था. इन लोगों के घरों में एक भी समान नहीं बचा. पलंग, कुर्सी, टेबुल, खटिया, बिछोना, कपड़ा, लत्ता, लाखों की नगदी जलकर राख हो गया. इस अगलगी में लगभग 50 लाख से अधिक नकदी व संपत्ति जलने का अनुमान लगाया है. बाबू सुइया तक नै बचले. सुबोध यादव ने बताया कि वह दियारा में खेती कार्य में जुटा था. आग की सूचना पर वह गांव पहुंचा तो उसका घर जलकर राख में तब्दील हो गया. उसने कहा कि इंदिरा आवास से उसने लिंटर तक मकान तैयार किया था. ढलाई करने के लिए उसने चार-पांच दिन पहले ही एक लाख रुपये का मकई बेचा था, जबकि 60 हजार में भैंस बेचा था. 1.60 लाख रुपये उसने घर में ही रखा था. जो जलकर राख हो गया. उसने बताया कि घर में 70-80 बोरा गेहूं, दीवान पलंग, फ्रिज, टीवी, टेबुल, कुर्सी, कपड़ा, बिछौना सभी जलकर राख हो गया. बाबू सुईया तक घर में नै बचले. सुबोध यादव और उसकी पत्नी, बेटा व पुतोहू सभी हताश थे और लगातार रोये जा रहे थे. सूचना पर सदर अंचल कर्मी घटन स्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों को सूचीबद्ध किया और कितने की संपत्ति जली इसका आकलन करने में लग गये है.
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