भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति मौत में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा के बाद पुलिस ने विभिन्न बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है. अभिनेत्री के परिजनों ने मामले को आत्महत्या बताया है, इधर,पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्ट्रेंगुलेशन (गला घोंटने से मौत) या फिर स्पष्ट शब्दों में गला दबाकर हत्या की बात सामने आयी. इस बात का खुलासा होने के बाद एक तरफ परिजन संशय में है तो थाना स्तर से लेकर वरीय पुलिस अधिकारी भी मामले में चिकित्सकों से ओपिनियन लेने की बात कहने लगे. मामले में अमृता पांडेय द्वारा मरने से पूर्व दवा का ओवरडोज लेने या दिये जाने के बिंदु पर भी जांच शुरू कर दी है. पोस्टमार्टम के दौरान मृतका का विसरा प्रीजर्व कर रखा गया था. जिसे अब दवा के ओवरडोज की जांच के लिए एफएसएल भेजने की तैयारी में जुट गयी है. इधर घटना के बाद सिटी एसपी राज सहित जोगसर पुलिस मामले को लेकर मृतका के फ्लैट और आसपास सहित करीबियों से भी पूछताछ कर रही है. रविवार देर शाम भी जोगसर थाना की टीम मामले में जांच के लिए दिव्यधाम अपार्टमेंट पहुंची थी. कैसे लिया जायेगा ओपनियन जानकारों की मानें तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर लिये जाने वाले चिकित्सकों के ओपनियन को लेकर वरीय अधिकारियों के द्वारा मेडिकल कॉलेज को पत्र लिख कर ओपनियन के लिए मेडिकल बोर्ड की टीम का गठन करने की मांग की जायेगी. जिसके बाद मेडिकल टीम में शामिल चिकित्सक मृतका के शव के किये गये पोस्टमार्टम के दौरान कराये गये वीडियोग्राफी के फुटेज का बारीकी से अवलोकन करेंगे, पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक से भी मामले में पूछताछ की जायेगी. यह सब करने के बाद मेडिकल बोर्ड ओपनियन देगा. ओपिनियन में अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के उलट आयी बात, तो क्या पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक के विरुद्ध होगी कार्रवाई? यह भी संभव है कि मेडिकल टीम द्वारा दिये जाने वाले ओपिनियन में अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के उलट बात आती है तो क्या मेडिकल विभाग या जिला प्रशासन पोस्टमार्टम करने वाले या गलत रिपोर्ट तैयार करने वाले चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है.
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