बीपीएससी शिक्षक दिलीप कुमार (31) की करंट लगने से मौत हो गयी. सुल्तानगंज के बाथ थाना क्षेत्र स्थित बाथू बरहरिया के रहने वाले दिलीप के पिता बिेंदेश्वरी प्रसाद की आंखें भरी थी. रविवार को शव लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिजनों और सहयोगी शिक्षकों का रो-रो कर बुरा हाल था. पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद लोगों ने बताया कि दिलीप ने बीपीएससी टीआरई 1 की परीक्षा में सफलता हासिल की थी. और नवगछिया के झंडापुर स्थित एनके हाई स्कूल में बतौर हिंदी विषय का माध्यमिक शिक्षक नियुक्त हुआ था. उसने उसी इलाके में एक कमरा भी लिया था. रविवार को छुट्टी को लेकर शनिवार शाम में ही दिलीप अपने बरहरिया स्थित अपने गांव आया था. रविवार सुबह स्मार्ट मीटर लगाने वाली एजेंसी के कर्मी मीटर लगाने के लिए घर आ गये. मीटर लगाने के दौरान ही एजेंसी के कर्मी ने दिलीप को बुलाकर एक नंगा तार पकड़ने को कहा. पकड़ते ही वह करंट की चपेट में आ गया. मौके पर ही मूर्छित होकर गिर गया. यह देख मीटर लगाने वाला कर्मी वहां से भाग गया. इसके बाद परिजन दिलीप को लेकर पहले एक निजी चिकित्सक के पास पहुंचे. जहां से उन्हें भागलपुर जाने को कहा गया. भागलपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डाक्टरों ने उसे देखते ही मायागंज अस्पताल लेकर जाने को कहा. मायागंज अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने बताया कि दिलीप की मौत के लिए बिजली विभाग के साथ मीटर लगाने वाली एजेंसी भी जिम्मेदार है. उन्होंने दोनों के ही विरुद्ध याचिका देने की बात कही. दिलीप की शादी की बात चल रही थी लेकिन विधि ने ऐसा अनर्थ कर दिया. यह कहते हुए दिलीप के पिता फफक पड़े. उन्हाेंने बताया कि दिलीप उनके पूरे खानदान इकलौता लड़का था जिसकी सरकारी नौकरी लगी थी. पर भगवान को उनकी खुशियां मंजूर नहीं थी.
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