जामताड़ा. सीपीआइएम कार्यालय जामताड़ा में रविवार को काल मार्क्स की 207 वीं जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता पार्टी जिला कमेटी सदस्य चंडी दास पुरी ने की. कार्यक्रम की शुरुआत मार्क्स के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर किया. इस अवसर पर चंडी दास पुरी ने कहा कार्ल मार्क्स दुनिया के न सिर्फ महानतम दार्शनिक, राजनीतिविद, अर्थशास्त्री एवं समाजशास्त्री थे. बल्कि उन्होंने पूरी दुनिया के मेहनतकश वर्ग की मुक्ति के लिए एक वैज्ञानिक विचारधारा के प्रणेता भी थे, जिसे लोग मार्क्सवाद के नाम से जानते हैं. आज पूरी दुनिया में हर शिक्षित एवं मजदूर वर्ग के साथ हर राजनीतिक विचारधारा के लोग भी कार्ल मार्क्स की विचारधारा से अवगत हैं. कहा उनका संघर्षमय अद्भुत जीवन गाथा विचित्रता से भरी हुई है. मार्क्स को उनके परम मित्र एंगेल्स के बिना सोचा भी नहीं जा सकता है. अपनी पत्नी जेनी का भी मार्क्स को महान बनने में एक बहुत बड़ा योगदान रहा. कार्ल मार्क्स की क्रांतिकारी विचारों के लिखने के चलते उन्हें अपनी जन्मभूमि जर्मन से पेरिस, पेरिस से ब्रुसेल्स, ब्रुसेल्स से फिर पेरिस, पुनः पेरिस से अपना देश जर्मनी के लिए कई बार देश निकाला होना पड़ा. पर वे अपने विचारों पर डटे रहे. जिला सचिव लखन लाल मंडल ने मार्क्स की रचनाओं के बारे में कहा कि उनकी महान रचनाकर्म के समय उन्हें काफी आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा था. दास कैपिटल उनकी एक महानतम रचना है. जिसे लिखते समय उन्हें अपनी प्यारी बेटी की बिना दवा की मौत देखना पड़ा, लेकिन वे सर्वहारा वर्ग की मुक्ति के लिए अपनी कलम को रोके नहीं. मौके पर राज्य सचिव मंडल सदस्य सुरजीत सिन्हा, सचिन राणा, दुबराज भंडारी, अशोक भंडारी, लोकनाथ राणा, दिनेश हेंब्रम, विजय राणा, श्रीजल मुर्मू, नेपाल दत्त, गोमोसत बास्की, दीप्ति मंडल, निमाई राय, गौरसोरेन, बुधु मरांडी, मोहन मंडल, सुजीत माजी, शंभू दास, मधु रवानी, अनूप सरखेल, अनवर अंसारी आदि मौजूद थे.
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