रांची. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि इडी ने अब तक जितने साक्ष्य जुटाये हैं, प्रथम दृष्टया उसमें हेमंत सोरेन घोटाले में संलिप्त पाये गये हैं. उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास में इडी की छापेमारी में 36 लाख रुपये की रिकवरी पर भी बड़ा प्रश्न खड़ा किया है. हेमंत सोरेन द्वारा इसे अपने माता-पिता के इलाज के लिए जमा किये गये पैसे रखने की दलील पर सवाल खड़ा किया है. इसी तरीके से राज्य सरकार ने साहिबगंज के नींबू पहाड़ के अवैध खनन मामले में सीबीआइ की जांच के आदेश को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जानना था कि राज्य सरकार इस जांच को रोकने के लिए क्यों इतनी उत्सुक है? अंतत: राज्य सरकार की याचिका खारिज हो गयी और सीबीआइ जांच जारी रहेगी. प्रतुल ने कहा कि असल में झामुमो की सरकार चौतरफा भ्रष्टाचार और लूट की दलदल में फंसी हुई है. झामुमो ने सिर्फ तुष्टिकरण के सहारे राजनीति की : प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झामुमो ने सिर्फ तुष्टिकरण के सहारे साढ़े चार वर्षों तक राजनीति की. उनके ही कार्यकाल में हिंदू फल दुकान लिखने पर जेल हुई. सामान्य विद्यालयों को उर्दू विद्यालय बना दिया गया और एक आइएएस अफसर खुद को मुस्लिम अधिकारी बताते रहे. विधानसभा में बिना मांग के नमाज स्थल बना दिया गया और लव जिहाद की घटनाएं बढ़ीं. अब वह भाजपा पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगा रही है. प्रतुल ने कहा कि वैसे भी झामुमो लोकसभा चुनाव के बाद अपना राजनीतिक रूप से अस्तित्व खोने जा रही है, इसलिए ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाकर नया नैरेटिव सेट करने की कोशिश हो रही है. झारखंड की जनता नहीं बोल सकती है कि इन्होंने अब तक वोट बैंक की राजनीति के लिए अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का नंगा नाच कर रखा है. धारा को पेन से मिटाने की घटना पर भी कोर्ट गंभीर है : प्रतुल ने कहा कि सदर थाना में जमीन घोटाले के संबंधित जो एफआइआर दर्ज हुआ था, उसमें षड्यंत्र की धारा को जोड़ा गया था. लेकिन इस षड्यंत्र की धारा (120 बी) को पेन से काटकर मिटाने की घटना को भी उच्च न्यायालय ने बहुत गंभीरता से लिया है और कहा कि उस समय हेमंत सोरेन की सरकार का कार्यकाल था.
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