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कैंपस : नीट यूजी प्रश्नपत्र लीक नहीं, सोशल मीडिया का वायरल प्रश्नपत्र भी गलत : डॉ साधना पाराशर

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने सोमवार को स्पष्ट किया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 के प्रश्नपत्र लीक का दावा पूरी तरह से निराधार

-एनटीए ने स्पष्ट किया है कि नीट यूजी प्रश्नपत्र लीक नहीं, प्रश्नपत्र की कथित तस्वीरों का वास्तविक प्रश्नपत्रों से कोई लेना-देना नहीं हैसंवाददाता, पटना

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने सोमवार को स्पष्ट किया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 के प्रश्नपत्र लीक का दावा पूरी तरह से निराधार है. प्रश्नपत्र लीक होने की बात गलत है. एनटीए की वरिष्ठ निदेशक डॉ साधना पाराशर ने कहा कि अफवाहों पर विराम लगाने के लिए प्रत्येक प्रश्नपत्र का हिसाब-किताब रखा गया है. परीक्षा शुरू होने के बाद कोई भी बाहरी व्यक्ति या एजेंसी केंद्रों तक नहीं पहुंच सकता है. एग्जाम सेंटर्स के गेट बंद होने के बाद, बाहर से किसी को भी हॉल के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं है. इसकी पूरी तरह के सीसीटीवी निगरानी होती है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे नीट यूजी 2024 के प्रश्नपत्र की कथित तस्वीरों का वास्तविक प्रश्नपत्रों से कोई लेना-देना नहीं है. एनटीए के सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानक संचालन प्रक्रियाओं से यह पता चला है कि किसी भी पेपर लीक की ओर इशारा करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पूरी तरह से निराधार और गलत हैं.

परीक्षा शुरू होने के बाद कोई भी बाहरी व्यक्ति केंद्रों तक नहीं पहुंच सकता

डॉ साधना पाराशर ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित पोस्ट में यह धारणा बनायी जा रही है कि परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गया था, जो बिल्कुल गलत है. जैसा कि पांच मई को परीक्षा के दौरान राजस्थान के सवाई माधोपुर में एक केंद्र पर एक घटना हुई थी, जहां कुछ छात्रों ने परीक्षा के समापन से पहले जबरन क्यूपी छीन लिया था. इस क्यूपी की एक तस्वीर को पेपर लीक की कथित घटना से जोड़ा जा रहा है जो शरारतपूर्ण और बेतुका है. परीक्षा शुरू होने के बाद कोई भी बाहरी व्यक्ति केंद्रों तक नहीं पहुंच सकता.

नकल के मामले में लिया गया एक्शन

डॉ पाराशर कहती हैं कि जहां भी नकल के मामले सामने आये हैं, वहां स्ट्रिक्ट एक्शन लिया गया है. एनटीए परीक्षा खत्म होने के बाद पोस्ट एग्जाम एनालिसिस भी कंडक्ट करवाता है. इससे नकल और पेपर लीक जैसे मामलों को पकड़ने में मदद मिलती है. अनुचित साधन मामलों पर कार्रवाई भी की जाती है, जैसा जेइइ मेन में हुआ है. नीट में भी गड़बड़ी पकड़े जाने पर उम्मीदवारी रद्द करते हुए भविष्य की परीक्षाओं से वंचित किया जायेगा. नीट सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षाओं में शामिल है. नीट यूजी पांच मई को 571 शहरों के 4750 केंद्रों पर आयोजित किया गया था.

अफवाहों पर ध्यान न दें अभिभावक व परीक्षार्थी

इस साल रिकॉर्ड 24 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए. 10 लाख से अधिक छात्र व 13 लाख से अधिक छात्राएं शामिल हुई हैं. कई छोटे शहरों को केंद्र के रूप में चुनकर परीक्षार्थियों के लिए सुगम बनाया गया. विशेष रूप से पुडुचेरी, जम्मू और कश्मीर और अन्य राज्यों के अलावा पूर्वोत्तर में चुनौतियों के बावजूद नीट यूजी 2024 ऑपरेशन में पूरे भारत में शहर स्तर पर 600 से अधिक केंद्र समन्वयक, पांच हजार से अधिक केंद्र अधीक्षक और उनके कर्मचारी शामिल थे, इस प्रक्रिया में 4,800 से अधिक स्कूल शामिल थे. डॉ साधना ने कहा कि उम्मीदवारों, उनके माता-पिता, शिक्षकों और सभी संबंधित लोगों से अनुरोध है कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और आगामी परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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