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दोन व त्रिवेणी नहर में पानी नहीं, गन्ना किसानों में पानी के लिए त्राहिमाम

जिले की प्रमुख नहरों में से एक त्रिवेणी और दोन कैनाल में पानी नहीं आने से किसानों में त्राहिमाम की स्थिति हैं.

नरकटियागंज. जिले की प्रमुख नहरों में से एक त्रिवेणी और दोन कैनाल में पानी नहीं आने से किसानों में त्राहिमाम की स्थिति हैं. नरकटियागंज क्षेत्र के करीब 30 हजार से उपर किसानो के 70 हजार एकड़ में लगी गन्ने की फसलों में इन नहरों के पानी से सिंचाई होती है. पानी संकट को देखते हुए और गन्ने की फसलों को सूखे से बचाने के लिए न्यू स्वदेशी सुगर मिल्स की ओर से इस बार पहल की गयी है. मिल प्रबंधन की ओर से बिहार सुगर मिल्स एसोसिएशन को पत्र लिखकर दोनों नहरों में पानी सप्लाई कराने की मांग की गयी है. मिल प्रबंधन की ओर से की गयी मांग के आलोक में पहल भी शुरू कर दी गयी है. बिहार सुगर मिल्स एसोसिएशन के सचिव नरेश भट्ट ने बताया कि नहरों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो और किसानो को सिचाई का लाभ मिल सके. जल संसाधन विभाग और चीनी मिल प्रबंधन से बात की गयी है. जल्द ही पानी की समस्या का हल निकाला जाएगा. सचिव श्री भट्ट ने बताया कि एसोसिएशन की पहल अतिशीघ्र नहरों में पानी छोड़े जाने को लेकर है. बता दें कि न्यू स्वदेशी सुगर मिल्स की ओर से बिहार सुगर मिल्स एसोसिएशन के सचिव नरेश भट्ट को पत्र लिखकर सूख रहे गन्ने की फसलों को बचाने के लिए त्रिवेणी और दोन नहर में पानी सप्लाई कराने की मांग की गयी है. पत्र में बताया गया है कि त्रिवेणी और दोन कैनाल में पानी सप्लाई नही होने से चीनी मिल क्षेत्र के अधिकांश गावों के गन्ना किसान प्रभावित हो रहे हैं और गन्ने की फसलें सूख रही है. वहीं मिल प्रबंधन की ओर से नहरों में पानी छोड़े जाने के प्रयास को लेकर किसानों में गन्ने की फसलो को सूखने से बचाये जाने की उम्मीद जग गयी है.

दोन नहर में छोड़ा गया पानी नाकाफी, पंप सेट से हो रहा पटवन

मिल प्रबंधन की ओर से अप्रैल माह में मौसम और पानी संकट को देखते हुए बिहार सुगर मिल्स एसोसिएशन को नहरों में पानी छोड़ने अवगत कराया गया था. सुगर मिल्स प्रबंधन और एसोसिएशन की पहल के बाद दोन नहर में तो पानी छोड़ दिया गया है, लेकिन वह पानी खेतों तक डायरेक्ट नहीं पहुंच पा रहा. किसानों को पंप सेट के सहारे गन्ने की फसलों को सिचांई करना पड़ रहा है. पिपरा के किसान नजीर अहमद, दीपु तिवारी, मिताई सरकार, कमलेश प्रसाद यादव, असगर आलम, रूपेश सरकार समेत कई किसानों ने बताया कि दो दिन पहले नहर में पानी आया, लेकिन वो भी खेतों तक डायरेक्ट नहीं पहुंच पा रहा है. पंप सेट के माध्यम से पटवन की मजबूरी है. गन्ने की फसलें गर्मी और तेज धूप से सूख रही हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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