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घायल बच्चे को लेकर थाना के सामने दिया धरना

थानेदार द्वारा आवेदन लेकर केस दर्ज करने के बाद परिजनों ने समाप्त किया धरना

सिसई. एसपी व थाना से गुहार लगाने के बाद भी न्याय नहीं मिलने पर बेबस परिजनों ने सड़क दुर्घटना में घायल चार वर्षीय बच्चे को थाना भवन के गेट पर लेटा कर सोमवार को धरने पर बैठ गये. पुलिस कर्मियों के समझाने पर भी वे न्याय नहीं मिलने तक बच्चे को वापस नहीं जाने पर अड़े रहे. थानेदार संदीप कुमार यादव द्वारा पीड़ित परिवार से सोमवार की तारीख पर आवेदन लेकर तस्लीम अंसारी, मुस्लिम अंसारी, नइमुद्दीन अंसारी, हांजला अंसारी, अमार अंसारी व अनस अंसारी पर केस दर्ज करने के बाद परिजनों ने बच्चे को चार घंटे बाद घर लेकर गये. इस संबंध में हंस नगर सिसई निवासी जुलकर नैन अंसारी ने बताया कि नौ अप्रैल की रात को उसके पुत्र जुलून रैन अंसारी (4) को रहमत नगर निवासी रशीद अंसारी के पुत्र हांजला अंसारी व बसिया रोड निवासी नइमुद्दीन अंसारी के पुत्र अमार अंसारी बाइक से ठोकर मार कर घायल कर फरार हो गये थे. ऑर्थो केयर अस्पताल सिसई के डॉक्टरों ने बच्चे की स्थिति को देखते हुए रांची रेफर कर दिया था. उसी दिन ग्लोबल अस्पताल में इलाज के लिए बच्चे को भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की हंसली हड्डी टूट गयी और उसे ब्रेन हेमरेज हो गया है. इलाज में काफी खर्च हो रहा था. 14 अप्रैल को दूसरे पक्ष द्वारा बुलाये जाने पर वह अपने भाई शौकत अंसारी व पिता मुस्लिम अंसारी के साथ नइमुद्दीन के हार्डवेयर दुकान गये और इलाज में होने वाले खर्च में मदद करने के लिए कहने लगे. तब नइमुद्दीन, तस्लीम, मुस्लिम व अनश अंसारी ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट करने लगा. किसी तरह से तीनों भाग कर जान बचायी. इसके बाद वह थाना में जाकर सभी के विरुद्ध आवेदन देकर कार्रवाई करने की गुहार लगायी थी. किंतु सिसई अंजुमन द्वारा 17 अप्रैल को बैठक कर दोनों पक्षों में समझौता करा कर एक कॉपी थाना में देकर कार्रवाई नहीं करने की अपील की थी. समझौते के तहत जब तक बच्चा ठीक नहीं हो जाता है, तब तक नइमुद्दीन इलाज में होने वाली खर्च का आधा राशि देता रहेगा व आध बच्चे का पिता लगायेगा. बच्चे के पिता ने बताया कि अभी तक वह पांच लाख से अधिक खर्च कर चुके हैं. पैसे के जुगाड़ में वह सिसई की तीन डिसमिल जमीन बेच दी है. पुस्तैनी जमीन बंधक रखी है. घर की जमा पूंजी के साथ बहन की शादी के लिए रखे पैसा भी खर्च कर चुके हैं. इसके बाद भी वह बच्चे की स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं है. वह पैसे के अभाव में बच्चे को घर में रखने को मजबूर है. जबकि बच्चे की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उसे अभी इलाज की सख्त जरूरत है. अंजुमन द्वारा समझौता के तहत नइमुद्दीन ने कुछ राशि देने के बाद पैसा देने में आनाकानी करने पर उसने अंजुमन से इसकी शिकायत की. किंतु अंजुमन से भी मदद नहीं मिलने पर उसने 26 अप्रैल को एसपी कार्यालय में आवेदन दिया. वहां भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने पुन: 28 अप्रैल को एसपी से व्यक्तिगत मिल कर आवेदन सौंप कर न्याय की गुहार लगायी थी. किंतु एसपी को सौंपे आवेदन के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने पर उसने मजबूर सोमवार को यह कदम उठा है. इस संबंध में अंजुमन के नाइफ सदर अशफाक अंसारी व सेक्रेटरी शमसामुल अंसारी ने कहा कि पीड़ित द्वारा पैसा नहीं मिलने की बात नहीं बतायी गयी है. जानकारी होने पर समाज मदद करता.

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