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आयुष दवाइयों की निगरानी पर फोकस नहीं

एलोपैथी की दवाओं पर निगरानी रखने वाले औषधि निरीक्षकों (ड्रग इंस्पेक्टर) पर ही आयुष (आयुर्वेद, यूनानी और होमियोपैथी) विधा की दवाइयों की निगरानी करने का जिम्मा है.

रांची. एलोपैथी की दवाओं पर निगरानी रखने वाले औषधि निरीक्षकों (ड्रग इंस्पेक्टर) पर ही आयुष (आयुर्वेद, यूनानी और होमियोपैथी) विधा की दवाइयों की निगरानी करने का जिम्मा है. ऐसे में ड्रग इंस्पेक्टर आयुष पद्धति की दवाओं की निगरानी पर ज्यादा फोकस नहीं कर पाते हैं. राज्य में कुल 30 ड्रग इंस्पेक्टर कार्यरत हैं, लेकिन 42 की आवश्यकता है. हालांकि 12 ड्रग इंस्पेक्टर की नियुक्ति की प्रक्रिया जेपीएससी में चल रही है. सूत्रों ने बताया कि आयुष पद्धति की दवाओं और दुकानों की निगरानी के लिए अलग से कमेटी है, लेकिन दवाओं की जांच करने और छापेमारी करने के लिए इन्हीं ड्रग इंस्पेक्टर को भेजा जाता है. किसी व्यक्ति द्वारा शिकायत करने पर औषधि निदेशालय की तरफ से टीम गठित की जाती है. हालांकि आयुष मंत्रालय आयुष की दवाओं की निगरानी का जिम्मा औषधि निदेशालय से अलग करना चाहता है, लेकिन यह विचाराधीन है.

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