चंदवावासियों ने नहीं देखा कई प्रत्याशियों का चेहरा सुमित कुमार चंदवा. लोकसभा चुनाव में मतदान की तिथि नजदीक आ रही है. मतदान को लेकर सभी पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं का जनसंपर्क अभियान तेज हो गया है. वोटरों को रिझाने के लिए गांव-टोले में सुबह से ही अपनी-अपनी पार्टी का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. कार्यकर्ता ग्रामीणों को अपनी पार्टी की नीतियों की जानकारी दे रहे हैं. खुद को ही विकास का सच्चा हमराही करार दे रहे हैं. इन सबके बीच आश्चर्य की बात यह है कि अब तक पूरे प्रखंड में प्रचार-प्रसार के लिए कोई भी प्रत्याशी खुद मुखर नहीं हो पाये हैं. चंदवावासियों ने कई प्रत्याशियों का चेहरा भी अभी तक नहीं देखा है. इस बार चतरा लोकसभा सीट से कुल 31 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा था. इसमें स्क्रूटनी के बाद आठ प्रत्याशी के नामांकन रद्द हो गये. नाम वापसी की तिथि को एक प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस ले लिया. अब कुल 22 प्रत्याशी मैदान में है. मतदान के महज 12 दिन बचे है. आलम यह है कि कई प्रत्याशियाें के चेहरे भी स्थानीय लोगों ने नहीं देखा है. प्रत्याशी के लिये उनके कार्यकर्ता ही गांव-गांव वोट मांगते फिर रहे है. भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सिंह टिकट मिलने के बाद चंदवा आये थे. कार्यकर्ताओं से मिले, पर नामांकन के बाद अब तक कार्यकर्ता ही उनके नाम का वोट मांग रहे है. महागठबंधन के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी भी नामांकन के बाद से चंदवा में नहीं दिखे है. महागठबंधन में शामिल सभी दल के नेता-कार्यकर्ता उनके लिए दिन-रात मेहनत कर रहे है. राजद भी इस बार महागठबंधन धर्म का पालन कर रहा है. इसलिए चुनाव रोचक होता दिख रहा है. इसके अलावे बसपा से नागमणि, भाकपा से अर्जुन कुमार समेत अन्य मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राजकीय राजनैतिक दलों के प्रत्याशी मैदान में है. निर्दलीय में नौ प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है. इनमें डॉ अभिषेक सिंह ही पूर्व मेंं चंदवा पहुंचे है. शेष अन्य किसी प्रत्याशियों का अब तक यहां दर्शन भी नहीं हुआ है. मतदान में अब महज 12 दिन शेष है. कोई प्रत्याशी यहां लोगों से मिलने भी नहीं आये है, ऐसे में चंदवावासी पशोपेश में है कि अपना महत्वपूर्ण वोट कैसे अजनबियों को दे दें.
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