मुजफ्फरपुर. महंत दर्शन दास महिला महाविद्यालय में मंगलवार को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. इसका विषय भारतीय साहित्यिक इतिहास की समझ शास्त्रीय पाठ से औपनिवेशिक व्याख्या तक निर्धारित किया गया था. संयोजक सह विभागाध्यक्ष डाॅ प्रांजलि ने विषय-प्रवेश कराया. महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो.कनुप्रिया ने विक्टोरियन काल में साहित्यिक इतिहास के विकास और महत्व पर प्रकाश डाला. साथ ही यथार्थवादी साहित्यों, चार्ल्स डिकेन्स की रचनाओं व विज्ञानवाद के अन्तर्निहित तत्वों से परिचित कराया. विशिष्ट अतिथि इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स दिल्ली के कला कोश के प्रो.योगेश शर्मा ने यूरोपियन केंद्रित ज्ञान से बाहर निकलकर भारतीय गाथा, नृशंस, वेद, महाकाव्य व कालिदास की रचनओं में वर्णित अतीत और इतिहास की परम्पराओं की चर्चा की. मुख्य वक्ता वनस्थली विद्यापीठ के मानविकी संकाय के डीन प्रो.वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने साहित्य और इतिहास के अंतर-अनुशासनिक सम्बन्ध की चर्चा की. प्राच्यवाद, उत्तर-उपनिवेशवाद और नव-मार्क्सवाद की विचारों से लोगों को परिचित कराया. कार्यक्रम में इतिहास और अन्य विभाग के प्राध्यापकों ने भूमिका निभाई. मौके पर डाॅ नील रेखा, डाॅ बिपिन, डाॅ संध्या, प्रो.अलका जायसवाल, डाॅ अर्चना पांडेय समेत अन्य उपस्थित रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है