प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शरण सिंह की अदालत ने हत्या के मामले में दो महिला सहित पांच लोगों को आजीवन सश्रम कारावास एवं 20-20 हजार रु आर्थिक जुर्माना की सजा सुनायी है. इन सबने एक राय होकर लाठी, टांगी व सांबल से मारकर एक व्यक्ति की हत्या की थी. सजा पानेवालों में बरडीहा थाना क्षेत्र के सेमरी गांव निवासी रामचंद्र यादव, बासमती देवी, सुनीता देवी, गुदन यादव उर्फ संत यादव तथा दुर्गेश यादव उर्फ सत्येंद्र यादव शामिल हैं. विदित हो कि 21 दिसंबर 2015 को बरडीहा थाना के सेमरी गांव निवासी राम प्रसाद यादव की लाठी-टांगी से मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस घटना की मृतक की पुत्री सरोजा देवी के बयान के आधार पर बरडीहा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसमें कहा गया था कि वह (सरोजा) 21 दिसंबर 2015 की सुबह अपने पिता के साथ भंडार पर गयी थी. वहां उन्होंने देखा कि उनकी गाय रामचंद्र यादव के भंडार में बंधी हुई है. पूछने पर बताया गया कि उसकी गाय अरहर की फसल चर गयी है. इस बीच रामचंद्र यादव, बासमती देवी, सुनीता देवी, गुदन यादव, दुर्गेश यादव और अवधेश यादव ने राम प्रसाद यादव को देखते ही गाली-गलौज शुरू कर दिया तथा उसके साथ मारपीट करने लगे. मारपीट से बचने के लिए राम प्रसाद भागने लगा, लेकिन अभियुक्तों ने उसका पीछा कर लाठी, टांगी व साबल से उसकी बेरहमी से पिटायी कर दी. इससे वह बुरी तरह जख्मी होकर राम प्रसाद वहीं पर गिर गया. घर के लोग राम प्रसाद का इलाज कराने उसे सदर अस्पताल गढ़वा ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही राम प्रसाद की मौत हो गयी थी. इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अनुसंधान कर पुलिस ने सभी नामजद लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया. इसपर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए आरोपियों के विरुद्ध आरोप गठन कर उपलब्ध दस्तावेज, साक्ष्य एवं सबूत के आधार पर दोषी करार देते हुए सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए भिन्न-भिन्न धाराओं में सजा सुनायी है.
एक अभियुक्त का निधन : गौरतलब है कि एक अभियुक्त अवधेश यादव का 19 जनवरी 2024 को निधन हो गया. उक्त सूचना के आधार पर उनका नाम वाद से हटा दिया गया. शेष अभियुक्तों को आजीवन सश्रम कारावास के साथ 20-20 हजार रुपए आर्थिक जुर्माना की सजा सुनायी गयी है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा का आदेश दिया गया है. न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक जगदेव साहू ने तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ललित कुमार पांडेय ने पैरवी की.
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