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विद्यार्थियों से निर्धारित शुल्क के अलावे अतिरिक्त राशि नहीं लेने का निर्देश

कुलाधिपति द्वारा सभी विश्वविद्यालयों को राज्यपाल सचिवालय से निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का शुल्क विद्यार्थियों से नहीं लिए जाने का आदेश दिया गया है

मुंगेर. कुलाधिपति द्वारा सभी विश्वविद्यालयों को राज्यपाल सचिवालय से निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का शुल्क विद्यार्थियों से नहीं लिए जाने का आदेश दिया गया है. जबकि एमयू में नामांकन के लिए विद्यार्थियों को न केवल अन्य विश्वविद्यालयों से अधिक शुल्क देना पड़ता है, बल्कि ऑनलाइन शुल्क भुगतान के दौरान भी दोगुना अतिरिक्त चार्ज लगता है. ऐसे में कुलाधिपति का निर्देश विद्यार्थियों को तो राहत देगा, लेकिन विश्वविद्यालय के लिए जिम्मेदारी को बढ़ायेगा. हालांकि अब देखना होगा कि प्रत्येक साल केवल शैक्षणिक प्रक्रियाओं से करोड़ों रूपये का आंतरिक स्त्रोत जेनरेट करने वाले मुंगेर विश्वविद्यालय में कुलाधिपति के आदेशों का पालन कबतक किया जाता है. बता दें कि विश्वविद्यालयों और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच चल रहे तनाव को लेकर उच्च न्यायालय के दखल बाद सोमवार को पटना में विश्वविद्यालय और शिक्षा विभाग की बैठक आयोजित की गयी थी. जिसमें एमयू की कुलपति प्रो. श्यामा राय, कुलसचिव कर्नल विजय कुमार सहित अन्य कई अधिकारी भी शामिल हुये थे. जबकि देर शाम राजभवन में कुलपतियों के साथ कुलाधिपति ने बैठक कर कई आवश्यक निर्देश दिये. जिसमें राज्यपाल सचिवालय द्वारा निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क विद्यार्थियों से नहीं लिए जाने और बिना सक्षम प्राधिकार के अनुमति के नये कोर्स शुरू नहीं किये जाने का निर्देश दिया गया है.

विश्वविद्यालय के लिए परेशानी, विद्यार्थियों को राहत

कुलाधिपति का निर्देश जहां विद्यार्थियों को राहत देने वाली है. वहीं इस आदेश से एमयू के लिए परेशानी बढ़ने के साथ जिम्मेदारी भी बढ़ेगी. बता दें कि एक ओर अन्य विश्वविद्यालयों की अपेक्षा मुंगेर विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों से किसी भी सत्र में नामांकन के लिए आवेदन को लेकर अधिक शुल्क लिया जाता है. जबकि कई अन्य सत्रों में नामांकन, पंजीयन व परीक्षा फॉर्म शुल्क भी एमयू सहित अन्य विश्वविद्यालयों में अलग-अलग है. टीएमबीयू द्वारा जहां सत्र 2024-28 स्नातक सेमेस्टर-1 में नामांकन को लेकर लगभग 500 रुपये का आवेदन शुल्क लिया जा रहा है. वहीं एमयू द्वारा अपने विद्यार्थियों से एक हजार रुपये का आवेदन शुल्क लिया गया. इसके अतिरिक्त टीएमबीयू व पटना विश्वविद्यालय में पीजी के सत्र में नामांकन को लेकर आवेदन शुल्क के रूप में 300 रुपये लिया जाता है. जबकि एमयू में यह शुल्क लगभग 700 रुपये है.

पेमेंट गेटवे के नाम पर भी ली जाती है अतिरिक्त राशि

एमयू में विद्यार्थियों से नामांकन, पंजीयन, परीक्षा फॉर्म के अतिरिक्त पेमेंट गेटवे पर भी अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है. एमयू के किसी भी शैक्षणिक प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर विद्यार्थियों को पेमेंट गेटवे पर लगभग 35 से 40 रुपये देना होता है. ऐसे में यदि विद्यार्थियों को एक हजार रुपये का भुगतान करना हो तो उन्हें 1,040 रुपये जमा करना होता है. हद तो यह है कि विद्यार्थियों को इसके बाद पेमेंट की पर्ची केवल एक हजार की ही मिलती है. कुल मिलाकर कहा जाये तो एमयू में विद्यार्थियों से शुल्क के रूप में जहां एमयू प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये की आमदनी कर रहा है. वहीं पेमेंट गेटवे एजेंसी भी एमयू के विद्यार्थियों से सीधे लाखों रुपये की आमदनी कर रही है.

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