मोतिहारी.सदर प्रखंड के विभिन्न पैक्सो में गेहूं बेचने के लिए किसान अपना रजिस्ट्रेशन तक कराना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. भूले बिसरे एकाद किसान रजिस्ट्रेशन करा भी लिये तो वह सहकारी समिति में अपना अनाज बेचना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. जिसके कारण विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य हासिल करना उक्त समितियों द्वारा चुनौती पूर्ण कार्य बना हुआ है. यहां बता दें कि चालू रबी सीजन में सरकार के समर्थन मूल्य पर पैक्स के माध्यम से किसानों से गेहूं खरीदारी करनी है लेकिन अभी तक बोहनी तक नहीं हुई है. पैक्स में किसानों द्वारा गेहूं नहीं बेचने का मुख्य वजह सरकार द्वारा बाजार भाव से सरकारी मूल्य का कम निर्धारण किया जाना बताया जा रहा है. बीसीओ महेन्द्र प्रसाद ने बताया कि पैक्स में गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है. विभाग के द्वारा समितियों को एक एक लॉट जिसमें करीब 290 क्विंटल गेहूं खरीद का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. लेकिन बाजार में 2350 रुपये तक प्रति क्विंटल गेहूं बिक रहा है. फलस्वरूप बाजार से सरकारी मूल्य कम होने के कारण किसान सरकार के हाथों गेहूं बेचने से मुंह मोड़ रहे है. प्रखंड व्यापार मंडल के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने बताया कि इस बार किसान पैक्स में गेहूं बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे है, जबकि उन्हें प्रोत्साहित भी किया गया है. उनकी पैक्स में अब तक 14 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया लेकिन एक चुटकी भी गेहूं नहीं दिया गया है. यही स्थिती अन्य पैक्स में भी देखी जा रही है.
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