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VIDEO: चतरा में 67 साल का टूटा रिकॉर्ड, क्या यह प्रयोग आयेगा काम?

घनघोर जंगल, पहाड़ों-पठारों से घिरे मनोरम चतरा का समृद्ध सांस्कृतिक-ऐतिहासिक विरासत रहा है. चतरा धार्मिक समागम का स्थल रहा है. हिंदू, मसुलिम, बौद्ध और जैन तिर्थंकरों की पावन भूमि रही है. कोल्हुआ पहाड़ी की चोटी पर मां कौलेश्वरी मंदिर, इटखोरी का भद्रकाली का प्रसिद्ध मंदिर हिंदू आस्था का केंद्र रहा है. भद्रकाली परिसर में बौद्ध […]

घनघोर जंगल, पहाड़ों-पठारों से घिरे मनोरम चतरा का समृद्ध सांस्कृतिक-ऐतिहासिक विरासत रहा है. चतरा धार्मिक समागम का स्थल रहा है. हिंदू, मसुलिम, बौद्ध और जैन तिर्थंकरों की पावन भूमि रही है. कोल्हुआ पहाड़ी की चोटी पर मां कौलेश्वरी मंदिर, इटखोरी का भद्रकाली का प्रसिद्ध मंदिर हिंदू आस्था का केंद्र रहा है. भद्रकाली परिसर में बौद्ध स्तूप का विवरण है. वहीं जैन के तिर्थकरों की यह मनोरम चतरा भ्रमण का स्थल रहा. बरूरा शरीफ हिंदू-मुसलिम दोनों के श्रद्धा का केंद्र है. बात चतरा लोकसभा के इतिहास की करें, तो यह अनोखी सीट रही है. आज तक चतरा को स्थानीय चेहरा नहीं मिला था. भाजपा ने अपनी रणनीति बदली और कालीचरण सिंह को उम्मीदवार बनाया. कालीचरण सिंह के सामने कांग्रेस ने केएन त्रिपाठी को मैदान मे उतारा है. मुकाबला रोचक होने वाला है. इस सीट पर सबकी निगाहें हैं. प्रभात खबर के इस खास प्रोग्राम “सियासी समर की जमीनी हकीकत” में आज हम बात करे रहे हैं चतरा लोकसभा सीट की. चतरा सीट झारखंड के लोकसभा चुनाव में हॉट सीट बनी हुई है. इस सीट में टिकट बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन और बीजेपी में काफी समय तक किचकिच कायम रहा. तो आज हम इस चर्चा में समझेंगे चतरा लोकसभा सीट का समीकरण, राजनीतिक तापमान और चुनावी मुद्दे. देखिए वीडियो.

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