अमित कुमार राज, लोहरदगा: गर्मी के बाद मॉनसून का आगमन होने के साथ ही वज्रपात की संभावना प्रबल हो जाती है. लेकिन कुड़ू के अधिकतर स्कूलों में तड़ित चालक नहीं है. यह स्थिति तब है जब प्रखंड के 12 पंचायत वज्रपात के डेंजर जोन में आते हैं. पिछले साल वज्रपात से प्रखंड में 18 ग्रामीणों की मौत हुई थी. यहां पर 94 सरकारी विद्यालय हैं. इनमें से किसी विद्यालय में 15 हजार तो किसी में छह हजार की लागत से तड़ित चालक लगा था.
अधिकतर विद्यालयों में लगा तड़ित चालक हो गया है चोरी
लेकिन आज लोहरदगा के कुड़ू प्रखंड के अधिकतर विद्यालयों में लगा तड़ित चालक चोरी हो गया है. जबकि दो पहले ही सभी विद्यालयों में वज्रपात से बचाव के लिए तड़ित चालक लगा था. वर्तमान स्थिति यह है कि विधालय में वज्रपात से बचाव का कोई साधन उपलब्ध नहीं है. न ही इस दिशा में कोई कार्रवाई हुई है. ऐसे में इन विद्यालयों में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
झारखंड हाईकोर्ट का भी है आदेश
बता दें कि नामकुम के एक विधालय में वज्रपात से तीन बच्चों की मौत के बाद झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर साल 2007-2008 में प्रखंड के दो टेन प्लस टू उच्च विद्यालयों ”गांधी मेमोरियल टेन प्लस टू उच्च विद्यालय माराडीह और प्रोजेक्ट बालिका टेन प्लस टू उच्च विद्यालय कुड़ू, दो उत्क्रमित उच्च विद्यालय सलगी तथा जिंगी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय के 16 स्कूल, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय के 39 स्कूल, राजकीय मध्य विद्यालय के 25 स्कूलों में तड़ित चालक लगा था.
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स्कूली एवं साक्षरता विभाग ने बनाया था प्रस्ताव
बता दें कि झारखंड सरकार की भी योजना है कि सभी विद्यालयों में तड़ित चालक लगाया जाए. ताकि वज्रपात होने की स्थिति में हादसे से बचा जा सके. स्कूली एवं साक्षरता विभाग ने भी सभी सरकारी विद्यालयों में तड़ित चालक लगाने का प्रस्ताव बनाया था. इसे लेकर बकायदा आपदा प्रबंधन विभाग को भी जानकारी दे दी गयी थी.