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पलायन के कारण घटा मतदान प्रतिशत

मलिलाओं में था भारी उत्साह

अररिया. अररिया के चुनावी परिणाम जो हो वह तो निर्धारित अवधि ही बतायेगा, लेकिन बुधवार को एक अजीब सी खामोशी जिले की आबो-हवा में देखने को मिली. सबसे पहले तो सभी प्रत्याशी बुधवार को बड़े ही आराम से उठे व फिर समर्थकों से मुखातिब हुए. जिले के सभी विधानसभा से समर्थक अपने-अपने एक्जिट पोल के साथ प्रत्याशी के समक्ष बैठे. बहरहाल जीत का जो गणित था वह भी चौकाने वाला दिखा. इधर जब जिले में मतदान प्रतिशत पर सबकी नजर गयी तो पाया गया कि मंगलवार को 62.80 के मुकाबले बुधवार को पूरी तरह से मतदान समाप्ति के बाद मतदान का प्रतिशत 61.93 प्रतिशत पहुंचा जो कुछ राहत दिलाने वाला था. हालांकि इस बार भी वोटरों का पलायन स्पष्ट दिखा इसलिए तो मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गयी. वहीं घर में पुरुष सदस्यों की मौजूदगी कम होने के कारण भी महिलाओं का मतदान प्रतिशत बढ़ता दिखा. जिले में कुल मतदाता 20,18,767 हैं. जिसमें पुरुष मतदाता 10,49,982, महिला मतदाता 9,68,691, अन्य मतदाता 94 है. जबकि मंगलवार को अररिया लोकसभा के चुनाव में पुरुष मतदाताओं ने 5,98,145, महिला मतदाताओं ने 6,52,110 व अन्य मतदाताओं में 06 मतदाता के द्वारा हीं वोट किया गया. ऐसे में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया. महिलाओं के द्वारा 52.15 प्रतिशत मतदान तो पुरुषों के द्वारा 47.48 प्रतिशत हीं मतदान किया है. बुद्धिजीवियों में प्रो बचनेश्वर मिश्रा, प्रो बासुकीनाथ झा, सचिन दुग्गड़ आदि ने पुरुषों के मत प्रतिशत व मतदान के प्रतिशत में गिरावट का मुख्य कारण पुरुष वर्गों का घर में नहीं रहना व मजूदर वर्गों के पलायन को कारण बताया. बहरहाल पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार का मत प्रतिशत गिरना भी प्रत्याशियों के बैचेनियों को बढ़ा रहा है.

मतदान के बाद नहीं दिखा चौक-चौराहों पर शोर

अररिया.

अररिया में लोकसभा का चुनाव मंगलवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. चुनाव में सुहाने मौसम ने मतदाताओं को वोट करने में काफी मदद की. यही कारण रहा कि पिछले बार से कम लेकिन दोनों चरणों के मुकाबले तीसरे चरण में वोट का प्रतिशत 62 प्रतिशत से उछाल आया तो निर्वाचन आयोग ने भी सांस ली. हालांकि चुनाव संपन्न होने के बाद अररिया लोकसभा से चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशी बुधवार को पूरे दिन विश्राम की अवस्था में चले गये हैं. उनका तमाम चुनावी टेंशन भुलाकर आराम में जाना स्वाभाविक भी है क्योंकि लगातार एक माह से उम्मीदवार चुनाव प्रचार व चुनावी प्रबंधन में पूरी तरह व्यस्त थे. चुनाव संपन्न होने के बाद राहत की सांस ले रहे हैं. लेकिन समर्थक व वोटर कहां शांत रहने वाले हैं. सभी प्रत्याशी के समर्थक व उनके वोटर अब कुछ ज्यादा ही परेशान हैं. अपने अपने प्रत्याशी के जीत का दावा कर रहे हैं. इतना हीं नहीं दिलचस्प बात तो यह है कि हर समर्थक व उनके वोटर का अपना-अपना अलग अलग एग्जिट पोल भी सामने ला रहे हैं. अपनी छोटी-छोटी जानकारी के बावजूद अपने प्रत्याशी के जीत की मजबूती के साथ दावा भी कर रहे हैं. जब वह एक्जिट पोल अपने प्रत्याशी को सुनाते हैं तो वे जीत के प्रति आश्वास्त हो जाते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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