: पैनी गांव की प्रमिला को प्रसव के लिए अस्पताल लाया था
चतरा. सदर अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों की मौत होने का सिलसिला जारी है. एक बार फिर प्रसव कराने आयी गर्भवती महिला की जान चली गयी. परिजनों ने अस्पताल उपाधीक्षक डॉ मनीष लाल व महिला स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. हंटरगंज प्रखंड के पैनी गांव निवासी 30 प्रमिला देवी (पति पप्पू कुमार यादव) को परिजनों ने छह मई को दोपहर 11 बजे प्रसव के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉ मनीष लाल ने नॉर्मल डिलेवरी होने की बात कही. चिंता नहीं करने की बात कहते रहे. शाम तीन बजे अल्ट्रासाउंड कराया. इसके बाद कोई दिक्कत नहीं होने की बात कही. उन्होंने परिजनों को कहा कि कोई दिक्कत होगी, तो अपने प्राइवेट क्लिनिक में ले जाकर ऑपरेशन कर देंगे. इसके बाद डॉ मनीष अस्पताल से निकल गये. महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने महिला की स्थिति गंभीर देख रेफर कर दिया. जब परिजन डॉ मनीष के प्राइवेट क्लिनिक ले जाने को लेकर उनसे संपर्क किया, तो उन्होंने बाहर में होने की बात कही. इसके बाद आनन फानन में हजारीबाग रेफर करा कर परिजन एंबुलेंस से ले जा रहे थे. इस दौरान रास्ते में ही गर्भवती महिला की मौत हो गयी. इस संबंध में मृतका के भाई सदर थाना क्षेत्र के गेरी गांव निवासी कुलीप कुमार यादव ने थाना में आवेदन दिया है. चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. परिजनों ने कहा कि अगर समय पर रेफर कर दिया जाता, तो जच्चा-बच्चा की जान बच सकती थी. मृतका के दो बच्चे हैं.
समय पर रेफर कर दिया गया था : डीएस
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ मनीष लाल ने कहा कि समय पर रेफर किया गया. एंबुलेंस भी उपलब्ध कराया गया, लेकिन परिजन महिला को निजी वाहन से पहले चतरा के एक निजी हॉस्पिटल ले गये. इसके बाद हजारीबाग ले गये. परिजनों द्वारा लगाया जा रहा आरोप बेबुनियाद है. आवेदन मिला, तो जांच होगी : सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ जगदीश प्रसाद ने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है, परिजन मुझे आवेदन देते हैं, तो मामले की जांच करायी जायेगी. मामला सही पाये जाने पर संबंधित लोगो पर कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है