NEET Solver Racket Case NEET सॉल्वर गैंग के सरगना का बिहार से रिश्ते जुड़े हैं. पुलिस की छापेमारी के बाद इस मामले कई खुलासे हुए हैं. लेकिन अभी भी बिहार पुलिस गैंग के सरगना तक नहीं पहुंच पायी है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि रडार पर हैं लेकिन लोकेशन नहीं मिलने के कारण पुलिस की गिरफ्त से वह फरार है. लेकिन कभी भी वह गिरफ्तार हो सकता है. बताते चलें कि अभी तक इस मामले में बिहार के अलग-अलग जिलों से सात मेडिकल के छात्र समेत कुल 14 सॉल्वर गिरफ्तार हो चुके हैं. अभी तक सबसे ज्यादा सॉल्वर बिहार के कटिहार से 12 लोग के इस मामले में संलिप्ता के मामले सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि सॉल्वर गैंग ने किसी से पंद्रह तो किसी से बीस लाख रुपये में डील डील कर रखा था.पटना के अमित आनंद, सिकंदर और नीतीश कुमार के बयान के आधार पर पटना पुलिस ताबतोड़ छापेमारी कर रही है.
पुराने परीक्षा माफियाओं ने किया है खेल
पटना पुलिस की जांच में नीट यूजी में पुराने परीक्षा माफियाओं के नाम सामने आए हैं. सूत्रों का कहना है कि पुराने माफियाओं ने ही सॉल्वरों की सेटिंग कर परीक्षार्थियों को परीक्षा पास कराने का ठेका लिया था. जांच में सभी के नाम भी सामने आ गए हैं. ये या तो पूर्व में जेल जा चुके हैं या फिर कई साल से फरार चल रहे हैं. पुलिस की जांच के बाद जानकारी मिली है कि नीट यूजी में खेल को नालंदा के नगरनौसा के संजीव सिंह उर्फ संजीव मुखिया, रॉकी, नीतीश और अमित आनंद आदि ने अंजाम दिया था. इन लोगों ने कई अभ्यर्थियों को शनिवार की रात प्रश्न पत्र व आंसर रटवाया और फिर परीक्षा केंद्र पर जाकर छोड़ दिया. संजीव सिंह के बेटे डॉ शिव को 20 अप्रैल को उज्जैन पुलिस की सहयोग से इओयू की टीम ने पकड़ा था. इस पर बीपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने का आरोप है. संजीव सिंह को 2016 में नीट पेपर लीक करने की कोशिश के आरोप में उत्तराखंड पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. साथ ही इसके बेटे शिव को भी 2017 में पटना पुलिस ने नीट का पेपर लीक करने की कोशिश के आरोप में पकड़ा था.
परीक्षा माफियाओं के सामने आए नाम
नीट यूजी में पूरे बिहार में पकड़े गये 25 परीक्षा माफिया, सॉल्वर, अभ्यर्थी के लिंक को खंगालने में पुलिस जुटी हुई है. सूत्रों का कहना है कि पुलिस टीम ने पटना के साथ ही बिहारशरीफ व नगरनौसा में छापेमारी की और दो को हिरासत में लिया है. पुलिस गिरफ्तार लोगों के मोबाइल फोन के व्हाट्सएप को खंगाल रही है. जिसमें कई परीक्षा माफियाओं के नंबर पुलिस को हाथ लगे हैं.
10 करोड़ से अधिक का हुआ लेन-देन
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच जो तथ्य सामने आने हैं उसके अनुसार नीट यूजी में केवल बिहार में 10 करोड़ से अधिक रुपये का लेन-देन हुआ है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. कहा जा रहा है कि इसकी रणनीति पिछले कई दिनों से बन रही थी और अभ्यर्थियों को ग्रुप में जोड़ा जा रहा था. इन अभ्यर्थियों से करीब पांच से सात लाख रुपये लिये गये थे और बाकी 35 लाख रुपये काम होने के बाद लेने थे. साथ ही पुलिस को कई पोस्ट डेटेड चेक भी हाथ लगे हैं, जिससे स्पष्ट है कि परीक्षा में सफल होने के बाद उन्हें भंजाने के लिए बैंक में डाल देना था. सूत्रों का यह भी कहना है कि कई अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेज भी पुलिस ने जब्त किये हैं.
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