बहादुरपुर. पिछले तीन दिनों से लगातार पूरवा हवा चलने व बादल छाये रहने से आमलोगों को थोड़ी राहत मिली है. मगंलवार की शाम बारिश से किसानों के चेहरे खिल गये. बारिश से खेतों में लगे मक्का, मूंग, सब्जी, आम व लीची फसलों को काफी फायदा पहुंचा है. साथ ही इस बारिश से खरीफ फसल के लिए खेतों की जुताई कर आसानी से तैयार किया जा सकेगा. इधर, कृषि विभाग खरीफ महाअभियान की तैयारी शुरू कर दी है. खरीफ के तहत ढैचा, धान, अरहर, मरुआ, मक्का, ज्वार, बाजरा सहित अन्य फसलों की बीज व आच्छादन की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य सरकार व कृषि विभाग रबी व खरीफ फसल के तहत मोटे अनाज प्रत्यक्षण व खेती करने पर जोर दे रही है. मोटे अनाज में मरुआ, मक्का, ज्वार, बाजरा व कोदो चीना के क्लस्टर में प्रत्यक्षण कराया जायेगा. कृषि विभाग ने जिले के विभिन्न प्रखंडों में मोटे अनाज के क्लस्टर में प्रत्यक्षण के लिए किसानों का चयन कर लिया है. साथ ही विभिन्न फसलों की बीज के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली अनुदानित मूल्य पर धान व ढैचा की बीज जिला बीज वितरक के पास पहुंचने की बात कही जा रही है. कृषि विभाग की मानें तो हरि चादर योजना के तहत ढ़ैचा के लिए 733.40 क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसी प्रकार धान के लिए 2805.84 क्विंटल, अरहर 99 क्विंटल, मरुआ 186.4 क्विंटल, मक्का 116.72 क्विंटल, ज्वार 2.50 क्विंटल, बाजरा तीन क्विंटल, कोदो चीना 28.5 क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिला कृषि पदाधिकारी विपिन बिहारी सिन्हा ने बताया कि खरीफ के तहत विभिन्न फसलों की तैयारी शुरू कर दी गयी है. मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. मोटे अनाज क्लस्टर में प्रत्यक्षण के लिए किसानों का चयन कर लिया गया है. साथ ही खरीफ के तहत अन्य फसलों के आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि फिलहाल जिला बीज वितरक के पास कुछ मात्रा में ढैचा व धान की बीज उपलब्ध हो चुका है. प्राप्त बीज को जिले के विभिन्न प्रखंडों में आवंटन किया जा रहा है.
तारडीह.
लंबे अंतराल के बाद लगातार तीन दिनों से पूरवा हवा के चलने,आकाश में बादल छाए रहने व हल्की बारिश से लोगों को गर्मी से निजात मिला है. तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि व झुलसा देने वाली गर्मी से लोग परेशान हो गए थे. इस दो दिनों से मौसम के मिजाज बदलने व हल्की बारिश से जनजीवन को राहत मिली है. मंगलवार की देर शाम से ही बूंदा-बांदी हुई. वहीं बुधवार की दोपहर भी रूक-रूककर बूंदा-बांदी होने से तप रही जमीन के साथ पेड़-पौधे के लिए संजीवनी का काम किया है. आम तथा लीची को भी इससे खासी फायदा हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है