वरीय संवाददाता (रांची). झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की ओर से धुर्वा थाना में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देनेवाली क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी के अधिवक्ता के आग्रह को स्वीकार करते हुए उन पर लगाये गये 1.25 लाख रुपये के जुर्माना राशि को माफ कर दिया. साथ ही अदालत ने पीड़क कार्रवाई पर रोक को बरकरार रखा. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की. उन्होंने प्रार्थी अर्जुन मुंडा पर लगाये गये जुर्माना को माफ करने का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान याचिका की त्रुटि दूर किये बिना सुनवाई के लिए मेंशन करने पर प्रार्थी अर्जुन मुंडा पर 1.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था तथा जुर्माना राशि एडवोकेट क्लर्क एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट के पक्ष में भुगतान करने को कहा था. अर्जुन मुंडा ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर 11 अप्रैल 2023 को रांची में सचिवालय मार्च के दौरान धुर्वा थाना में कांड संख्या-107/2023 के तहत दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की है. वहीं, जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने सचिवालय मार्च मामले में आरोपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित 27 नेताओं की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम राहत (पीड़क कार्रवाई पर रोक) को बरकरार रखा. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 25 जुलाई की तिथि निर्धारित की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बाबूलाल मरांडी सहित अन्य 27 की ओर से क्रिमिनल रिट याचिका दायर की गयी है. प्रार्थियों ने धुर्वा थाना में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है.
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