C V Ananda Bose : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (C V Ananda Bose) ने राजभवन परिसर के दो मई के सीसीटीवी फुटेज करीब 100 लोगों को दिखाया गया है. हालांकि, सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग कोलकाता पुलिस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नहीं दिखाया जाएगा. यह फुटेज 100 आम लोगों को दिखाया गया है. इसके लिए राज्यपाल ने राजभवन में ‘सच के सामने’ कार्यक्रम की शुरुआत करने की घोषणा की है.गौरतलब है कि राजभवन में संविदा पर नियुक्त महिला कर्मचारी ने राजभवन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस के पास शिकायत दर्ज करायी थी. महिला की शिकायत के आधार पर कोलकाता पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है.
पुलिस ने राजभवन के कर्मचारियों को बुलाया था पूछताछ के लिए
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने राजभवन के कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन पहले दिन कोई पेश नहीं हुआ. राज्यपाल ने भी कथित तौर पर कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि इस मामले में पुलिस का सहयोग नहीं करना है. राजभवन से जारी बयान में आरोप लगाया गया कि यहां की पुलिस राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशों के तहत काम कर रही है. ऐसे में वह संबंधित सीसीटीवी फुटेज इन दोनों को छोड़कर 100 लोगों को दिखाने के लिए तैयार है.राजभवन की तरफ से सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जारी बयान में कहा गया कि पुलिस के आरोप मनगढ़ंत हैं. Mamata Banerjee : ममता बनर्जी का कटाक्ष, भाजपा ने बंगाल में छीन ली 26,000 शिक्षकों की नौकरी और अब पैसे देकर खरीद रहें है वोट
राज्यपाल ने ‘सच के सामने’ कार्यक्रम किया शुरु
इसका पर्दाफाश करने के लिए राज्यपाल ने ‘सच के सामने’ कार्यक्रम शुरू किया है. पुलिस की जांच को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए राजभवन ने कहा कि एक घटना की सीसीटीवी फुटेज नहीं दिखाये जाने के आरोप सही नहीं हैं.राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि राजभवन परिसर में ही 100 लोगों को वीडियो क्लिप दिखायी गई है.
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