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आधार कार्ड में अंकित जन्म तिथि वैध नहीं

जिला अधिवक्ता संघ भवन के सभागार में जन निर्माण केंद्र के बैनर तले बाल-विवाह उन्मूलन विषय पर एक सेमिनार का आयोजन गुरूवार को किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई रवि शंकर तिवारी मौजूद थे.

किशनगंज.जिला अधिवक्ता संघ भवन के सभागार में जन निर्माण केंद्र के बैनर तले बाल-विवाह उन्मूलन विषय पर एक सेमिनार का आयोजन गुरूवार को किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई रवि शंकर तिवारी मौजूद थे. इस मौके पर श्री तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि बाल-विवाह सामाजिक कुरीतियों में से एक है. बाल विवाह को ख़त्म करना कोई छोटा काम नहीं है, लेकिन कई छोटे-छोटे कार्य बड़ा बदलाव ला सकते हैं. हमें बच्चों और समुदायों को नुकसान पहुंचाने वाली कुप्रथाओं पर कायम रहने और उन्हें स्वीकार करने की ज़रूरत नहीं है – इसके बजाय, हम सभी मामूली पहल कर इस कुप्रथा को रोक सकते है. उन्होंने खासकर नोटरी पब्लिक से मुखातिब होकर कहा कि किसी दस्तावेजों में जन्म तिथि के लिए अब आधार कार्ड पर लिखी जन्म तिथि मान्य नहीं होगी. संबंधित दस्तावेज के साथ अब जन्म प्रमाण पत्र पेश करना जरूरी होगा, तभी संबंधित दस्तावेज, आवेदन मान्य होगा. इसलिए नोटराइज विवाह के दौरान लीगल दस्तावेज अवश्य देख ले. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है बिना अधिवक्ता कोई क्रांति सफल नही हुई बाल विवाह जैसी कुप्रथा के विरुद्ध जो महाअभियान चल रहा है वो भी बिना अधिवक्ता के सहयोग से पूरा नहीं होगा. उपस्थित अधिवक्ता, नोटरी सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आधार व्यक्ति की पहचान है उसे उम्र सत्यापन के लिए उपयोग में न लाये. अधिवक्ता नोटरी के इतने प्रयास बिहार से एक चेतना आम आदमी में आएगी ,जो बाल विवाह के विरुद्ध चल रहे आंदोलन में निर्णायक साबित होगा. उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम की धारा 94 की चर्चा करते हुए कहा कि आपके सामने कानून की बात करना सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है आप सब एक अधिवक्ता के साथ -साथ सामाजिक मुख्यधारा से जुड़े स्तंभ है. आपके प्रयास से ही इसे रोक जा सकता है ,बाल विवाह के माध्यम से किस प्रकार मानव तस्करी जैसे अपराध हो रहे है उन्होंने विस्तार से बताया. बैठक की संयुक्त अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता अजित कुमार दास और अमल कुमार सिन्हा कर रहे थे अपने वक्तव्य में अजित कुमार दास ने गरीबी, अशिक्षा को बल- विवाह का मुख कारण बताते हुए व्यापक जागरूकता पर बल दिया. वही अमल सिन्हा ने प्रथम दृष्टया नाबालिग दिखने वाले के लिए अन्य प्रमाणपत्रों की उपयोगिता पर बल दिया.बैठक का संचालन अधिवक्ता हैदर हुसैन बागी कर रहे थे. बैठक में अधिवक्ता जय किशन प्रसाद,धीरज सिंह, सहित दर्जनों अधिवक्ता सभी नोटरी उपस्थित थे.

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