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रिश्वत लेते निगरानी के हत्थे चढ़े गोगरी के पूर्व पीएससी प्रभारी दो साल बाद हुए निलंबन मुक्त

सात अप्रैल 21 को निगरानी की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार की थी

खगड़िया.

रिश्वतखोरी का आरोपित निलंबित किये गये गोगरी प्रखण्ड तत्कालीन चिकित्सा प्रभारी डॉ सुभाष चन्द्र बैठा सुमन को निलंबन मुक्त किया गया है. काफी समय से निलंबित चल रहे थे. सात अप्रैल 21 को निगरानी की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार की थी. गिरफ्तारी के बाद इन्हें केन्द्रीय कारा भागलपुर भेजा गया था. निगरानी विभाग द्वारा चिकित्सा पदाधिकारी को जेल भेजे जाने की सूचना दिये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए 6 मई 2021 को सस्पेंड किया था. करीब साल भर तक ये निलंबित रहे. लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद 18 अप्रैल 22 को इन्हें निलंबन से मुक्त कर दिया गया. जिसके बाद इन्होंने स्वास्थ्य विभाग में याेगदान किया. लेकिन कुछ ही महीनों के भीतर स्वास्थ्य विभाग ने रिश्वतखोरी के मामले में फिर से निलंबित कर दिया. सितम्बर 2022 से निलंबित चल रहे उक्त चिकित्सा पदाधिकारी निलंबन मुक्त करते हुए इन्हें विभाग में योगदान करने के आदेश दिये गए हैं. रिश्वतखोरी के मामले में इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी संचालित है.

1.50 लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए थे प्रभारी

गोगरी के पूर्व पीएचसी के प्रभारी को निगरानी की टीम ने घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. निगरानी की टीम ने प्रभारी डॉक्टर के पास से घूस के डेढ़ लाख रुपए भी बरामद किये थे. इनके विरुद्ध गोगरी रेफरल अस्पताल में पदस्थापित जीएनएम रूबी कुमारी ने निगरानी में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद निगरानी की टीम ने इन्हें घूस लेते हुए गिरफ्तार कर पटना ले गई है. जहां निगरानी की टीम इनसे पूछताछ कर इनके विरुद्ध प्राथमिकी कांड संख्यां-18/21 दर्ज कर इन्हें जेल भेज दिया. बताया जाता है कि नर्स रूबी के वेतन भुगतान के एवज में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने दो लाख रुपये का डिमांड किया था. इस कार्य में सदर अस्पताल में तैनात हेड क्लर्क राजेन्द्र सिन्हा भी शामिल थे. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ हेड क्लर्क को भी निगरानी की टीम ने 50 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया था. निगरानी की दो अलग-अगल टीम बनाकर पहले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के आवास पर छापेमारी की थी. इसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय के हेड क्लर्क के राजेंद्र नगर स्थित आवास पर पहुंची. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और हेड क्लर्क को रिश्वत लेने के साथ ही धाबा दल ने इन दोनों को दबोच लिया था.

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