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बारिश होने से मौसम हुआ खुशनुमा

मई माह में गर्मी परवान पर रहती है, लेकिन इस बार मई के महीने में सावन-भादों सी बारिश हो रही है.

कमतौल. मई माह में गर्मी परवान पर रहती है, लेकिन इस बार मई के महीने में सावन-भादों सी बारिश हो रही है. पिछले तीन दिनों से हर दिन बारिश हो रही है. कभी सुबह तो कभी शाम में तेज बारिश हो जा रही है. गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे आसमान बादलों से भर गया. इसके कारण कुछ देर के लिए अंधेरा छा गया. देखते ही देखते बारिश होने लगी. करीब आधे घंटे तक जमकर बारिश हुई. इसके बाद दोपहर तक कभी तेज तो कभी हल्की बारिश होती रही. इससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई. दोपहर बाद धूप निकली तो लोगों को उमस का एहसास होने लगा, परंतु हवा के कारण मौसम खुशनुमा बना रहा. कई जगह बारिश का पानी सड़कों पर भर जाने से राहगीर व वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बारिश के कारण लोगों ने एक बार फिर से अपनी छतरी व रेनकोट का सहारा लिया. मौसम के बिगड़े मिजाज को भांपते हुए किसान सुबह से खेतों में लगी मूंग व तिल की फसल को बचाने के लिए मशक्कत करने लगे. खेत-खलिहान में पानी भरने से भूसा भींग गया.

सिंहवाड़ा.

इलाके में गुरुवार को बारिश होने से लोगों को जहां गरमी से काफी राहत मिली, वहीं, आम, लीची, मूंग व सब्जी की खेती करने वाले कृषक के चेहरा खिल उठे. आम के टिकोले जमीन में नमी नही रहने के कारण गिर रहे थे. वहीं मूंग व सब्जी के पौधे झुलस रहे थे, जिसे लोग अपने स्तर से सिंचाई करने को मजबूर थे. गुरुवार की सुबह से हुई बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है. इधर झमाझम बारिश के कारण सिमरी समेत प्रखंड क्षेत्र में जगह-जगह जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी. सिमरी पोस्ट ऑफिस चौक, भगवती स्थान के साथ ही कई जगहों पर जल जमाव के कारण राहगीरों को पैदल चलना मुश्किल हो गया है. सबसे अधिक परेशानी स्कूल जाने वाले छात्र-छात्रा को हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि हल्की बारिश में इस तरह की समस्या हो रही है तो बरसात में तो यह विकराल हो जाएगा.

यह वर्षा फल उत्पादन की दृष्टिकोण से काफी लाभप्रद : डॉ दिव्यांशु शेखर

जाले. गत दो-तीन दिनों में हुई बारिश को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर ने किसानों को सम-सामयिक सुझाव दिया है. बताया है कि यह वर्षा फल उत्पादन की दृष्टिकोण से काफी लाभप्रद है. मिथिलांचल के किसान व्यापक स्तर पर आम व लीची की खेती करते हैं. गत दिनों अत्यधिक तापमान के कारण फलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था. इस वर्षा के बाद अच्छी फल उत्पादन की संभावना है. उन्होंने बताया कि इस बारिश के कारण जहां फसलों के लिए खेतों में आवश्यक नमी मिल गयी है, वहीं वातावरण में आद्रता की मात्रा बढ़ने के कारण फसलों पर कीट-व्याधि के प्रकोप भी बढ़ने की संभावना है. उन्होंने किसानों से फल, सब्जी व गरमा फसलों की विशेष निगरानी करने की सलाह दी. बताया कि विशेष तौर पर मूंग की फसल में येलो मोजैक वायरस के लगने की संभावना बढ़ गयी है. इस रोग से प्रभावित पौधे के पत्ते पीले पड़ जाते हैं. खेत में पत्ते पीले पड़ने लगे तो 0.3 एमएल प्रति लीटर पानी में घोलकर इमिडेक्लोप्रिड दवा का प्रातःकाल में छिड़काव करने से फायदा होता है. वहीं पत्ता छेदक कीट का प्रकोप दिखने पर क्लोरोपोरिफोस दवा का एक एमएल प्रति लीटर पानी में घोलकर का छिड़काव करना लाभप्रद बताया. उन्होंने आम के फसलों में मैंगो मिली बग एवं फ्रूट बोरर कीट का प्रकोप होने की संभावना जतायी है. इसका लक्षण दिखाई देने पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से संपर्क करने की सलाह किसानों को दी है. डॉ दिव्यांशु ने अगले 24 घंटे में कुछ और बारिश होने की संभावना बताया. इसलिए उन्होंने सब्जी एवं मूंग के खेतों से जल निकासी सुनिश्चित करने तथा हरी खाद के लिए ढैचा बीज की बुआई यथाशीघ्र करने के लिए कहा.

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