सिंहेश्वर. सिंहेश्वर प्रखंड के पहले प्रमुख उपेंद्र नारायण यादव का बुधवार को निधन हो गया. निधन की सूचना पर लोगों की भीड़ उनके दरवाजे पर लग गयी. वे 10 फरवरी 1979 से 14 जून 2001 तक प्रमुख पद आसीन रहे, जब सिंहेश्वर में गम्हरिया और शंकरपुर शामिल था और 1978 में सुखासन के मुखिया बने और फिर सिंहेश्वर प्रखंड के प्रमुख चुने गये. उसी वर्ष जिला भी सहरसा था. सहरसा जिला परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव में मात्र एक मत से पराजित हुए थे. 2001 में जदयू के टिकट पर विधानसभा सभा का चुनाव भी लड़े थे. सिंहेश्वर के लोगों को एक सूत्र में बांधने की उनमें अद्भुत कला थी. उनको तीन पुत्री और दो पुत्र है. सबसे बडी पुत्री रेणु देवी, रंजु देवी उसके बाद लगातार मुखिया के पद को सुशोभित कर रहे. बड़े पुत्र किशोर कुमार पप्पू, दुसरे पुत्र सफल संवेदक मुकेश कुमार मुन्ना और तीसरी पुत्री संजु देवी का भरा पूरा परिवार छोड़ गये. अंतिम दर्शन के लिए गुरुवार को निर्वतमान सांसद दिनेश चंद्र यादव, विधानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र यादव, पूर्व विधायक अरुण कुमार, पूर्व मंत्री डॉ रमेश ऋषिदेव, जदयू जिलाध्यक्ष विजेंद्र नारायण यादव, व्यवसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशोक चौधरी, राजद जिलाध्यक्ष जयकांत यादव, नगर पंचायत अध्यक्ष पुनम देवी, जीप अध्यक्ष मंजु देवी, उपाध्यक्ष रघुनंदन दास, सिंहेश्वर प्रमुख इस्तियाक आलम, उप प्रमुख मुकेश यादव, नगर पंचायत अध्यक्षा पूनम देवी उप मुख्य पार्षद परवेज आलम, पूर्व जीप सदस्य दिनेश यादव, राम कृष्ण पोद्दार, सुपौल प्रमुख प्रतिनिधि जितेन्द्र कुमार सिंटु, जीप सदस्य पिंटु यादव, सामाजिक कार्यकर्ता ध्यानी यादव, व्यापार मंडल अध्यक्ष शिवचंद चौधरी, नरेश पासवान, व्यापार संघ के महासचिव अशोक भगत, पुर्व सरपंच राजीव कुमार बबलू, संजय गुप्ता, बच्चा झा, राजेश घोष, ओम प्रकाश चौधरी, मुखिया रामपट्टी विजय सिंह, कमरगामा जयकृष्ण शर्मा, पटोरी जय कृष्ण रजक, विमल चौधरी, डॉ डीएन चौधरी, कैलाश भगत आदि शामिल हैं.
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