गोपालगंज. जिस महिला की अपहरण कर हत्या का आरोप मायके वालों ने लगाया था, वह महिला गुरुवार को न्यायालय में पेश हुई और उसने खुद के जीवित होने का दावा किया. महिला ने कहा कि ससुराल में प्रताड़ना की वजह से घर छोड़कर गोरखपुर भाग गयी थी. उसके बाद वहां एक बस के सरकारी ड्राइवर नरेंद्र कुमार निषाद से मुलाकात हुई और उसके घर काम करने तथा बाल-बच्चों को देखने चली गयी. कुछ दिनों तक यूपी के बलिया में नरेंद्र कुमार निषाद के यहां रहने के बाद उनसे शादी कर ली और अब उनसे एक बच्ची भी है. महिला लता देवी ने कोर्ट को बताया कि वह प्रताड़ना की वजह से ससुराल से भागकर गयी और दूसरी शादी की. उसने कहा कि अब नरेंद्र कुमार निषाद के साथ ही रहना चाहती है. कोर्ट ने महिला की इच्छा के अनुसार उसके भाई चंद्रभूषण प्रसाद को सौंप दिया. महिला अपने भाई के साथ बलिया पति के घर चली गयी. महिला ने बताया कि उसकी तीन बेटियां हैं. पहले पति से दो बेटियां हैं, जिसमें एक बेटी अपनी दादी के पास रहती है, जबकि दूसरी बेटी अपने मामा के घर रहती है. मामले के संबंध में बताया जाता है कि बरौली थाना क्षेत्र के नधना गांव निवासी लता देवी की शादी नगर थाने के अरार मुहल्ले में वार्ड नंबर- 28 निवासी सुनील चौहान के साथ 2010 में हुई थी. शादी के बाद लता और सुनील को दो बेटियां हुईं. 2016 में महिला ने प्रताड़ना का केस पति समेत ससुराल वालों पर किया था. लॉकडाउन के दौरान पति-पत्नी में समझौता हुआ. महिला अपनी ससुराल आकर रहने लगी. इधर, लता देवी के भाई चंद्रभूषण प्रसाद ने 10 जुलाई 2021 को दहेज के लिए हत्या कर शव गायब करने का आरोप लगाया और इस मामले में 25 जुलाई 2021 को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. दहेज हत्या के मामले में पुलिस ने महिला के पति सुनील चाैहान, देवर धर्मराज प्रसाद, देवराज चौहान, राहुल चौहान, सास आशा देवी समेत पांच को लोगों को पुलिस ने अभियुक्त बनाया. लता देवी की हत्या के मामले में मां-बेटे बेकसूर थे. ये साबित करने के लिए 35 महीने का वक्त लग गया. सिविल कोर्ट से लेकर हाइकोर्ट परिवार गया, लेकिन महिला के पति सुनील चौहान को जमानत नहीं मिली.
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