संवाददाता, पटना : नीट यूजी का प्रश्नपत्र लीक करने के मामले में पुलिस की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. पुलिस ने जिन परीक्षा माफियाओं को गिरफ्तार किया, उनके बरामद मोबाइल फोन की जांच में पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं. सूत्रों का कहना है कि पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि गिरफ्तार परीक्षा माफिया सिकंदर यादवेंदू, नीतीश, रौशन, अमित आनंद व अन्य के वाट्सएप से कई अन्य लोगों को प्रश्नपत्र भेजा गया था. साथ ही सिकंदर के वाट्सएप पर भी किसी ने प्रश्नपत्र भेजा था, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि सिकंदर के पीछे भी कोई मास्टरमाइंड था, जो प्रश्नपत्र लीक में शामिल है. लेकिन यह प्रश्नपत्र सही था या गलत, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकता है. पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
मास्टरमाइंड संजीव की तलाश में हो रही छापेमारी
इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड नगरनौसा निवासी डॉ संजीव कुमार है. इसे पकड़ने के लिए पटना से लेकर नालंदा तक छापेमारी की जा रही है. पुलिस ने नालंदा के नूरसराय स्थित उद्यान महाविद्यालय के कर्मियों से भी पूछताछ की. संजीव वहां का कर्मी है. लेकिन वह अपनी ड्यूटी से लगातार गायब चल रहा है. पुलिस को उसके चार मोबाइल नंबर भी मिले हैं. लेकिन सभी स्विच ऑफ हैं. सूत्रों का यह भी कहना है कि परीक्षा माफियाओं ने सेटिंग करने के लिए ओल्ड बाइपास के एक अस्पताल में भी मीटिंग की थी. उसमें कुछ डॉक्टर भी शामिल थे और इन्हीं डॉक्टरों ने प्रश्नपत्र को सॉल्व किया था. इसके बाद आंसर डॉ संजीव के पास गया और उसके माध्यम से सिकंदर तक पहुंचा था. इस मामले में पुलिस को होंडा सिटी कार के मालिक की भी तलाश है. उस पर पटेल नवनिर्माण ट्रस्ट का स्टीकर लगा हुआ था.
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