ठाकुरगंज((किशनगंज).प्रखंड के गलगलिया थाना क्षेत्र के अंतगर्त भातगांव पंचायत के रामनगर बंदरबारी गांव में गत रात आई तेज आंधी ने केला की खेती कर रहे दर्जनों किसानों के अरमानों को धाराशाई कर दिया. इस बार केला की फसल को ठीक-ठाक मूल्य मिल रहा था. इससे किसान खुश थे. विगत वर्षों में सस्ते कीमतों पर केला बेचने से जो नुकसान हुआ है, इस बार उसकी भरपाई हो जाएगी. लेकिन बुधवार की रात आई आंधी तूफान ने केला किसानों के अरमानों को चकनाचूर कर दिया. उक्त पंचायत के दर्जनों किसान केला की खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. इन किसानों के अरमानों पर तेज आंधी के साथ आई बारिश ने पानी फेर दिया.
प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति का मुआवजा देने की मांग
पीड़ित किसान प्रभाकर सिंह, सीता देवी ,बालेश्वर राम आदि ने बताया कि आंधी ने उन्हें बर्बाद कर दिया. इसमें से अधिकांश किसानों ने कर्ज लेकर केला का खेती किया था. तीनों किसानों का लगभग 8 से 10 एकड़ में लगा केला की फसल बर्बाद हो गया है.यहां बताते चलें कि केला की खेती करने में अत्यधिक खर्च आता है तथा यह फसल एक वर्ष में एक बार ही तैयार हो पाता है. अगर किसी कारण से यह फसल एक साल नष्ट हो जाता है तो उसमें लगी पूरी लागत समाप्त हो जाती है. इन किसानों ने आंधी तूफान और बारिश जैसी प्राकृतिक आपदा से हुई इस क्षति का मुआवजा देने की मांग की है. बुधवार की रात्रि को आई इस आंधी से जहां केला का फसल सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. इस मौसम में केला के पौधे फल कटने की तैयारी में था.
दो-दो लाख रुपये प्रति एकड़ के मुआवजे की मांग
राजद नेता मुश्ताक आलम ने सरकार से प्रभावित किसानों को दो-दाे लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने की मांग की है. ताकि उनका खर्च निकल सके. इस बार भी मॉनसून की शुरुआत में ही हुई तेज बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है