रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने एससी-एसटी एक्ट में इडी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच सीबीआइ या किसी स्वतंत्र एजेंसी को देने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना.पक्ष सुनने के बाद अदालत ने मामले के प्रतिवादी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का निर्देश दिया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए अवकाश के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि मामले के अनुसंधान के दाैरान गोंदा पुलिस द्वारा इडी के अधिकारी को प्रताड़ित करने का प्रयास किया जा रहा है. इसलिए मामले की जांच सीबीआइ अथवा किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपा जाये. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी इडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा की ओर से याचिका दायर की गयी है. हालांकि पूर्व में भी हाइकोर्ट में एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देनेवाली इडी के अधिकारी कपिल राज व अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई थी. हाइकोर्ट ने मामले में इडी के अधिकारियों को गोंदा पुलिस द्वारा 41ए के तहत दिये गये नोटिस पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी. इडी अधिकारियों के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक अगले आदेश तक जारी रखा है. गोंदा थाना में एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर इडी द्वारा की गयी तलाशी के संबंध में आरोप लगाया गया था. श्री सोरेन ने आरोप लगाया था कि यह तलाशी उन्हें तथा उनके समुदाय को बदनाम करने के इरादे से ली गयी. इडी के अधिकारियों ने मीडिया को इसकी जानकारी लीक की, ताकि जनता की नजर में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हो जाये.
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