संवाददाता, पटना भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के पास कोरोना से होने वाली मौतों, प्रवासी मजदूरों और उनके दुखों पर कोई डेटा नहीं है. सरकार ने गरीबी या बेरोजगारी पर कोई सर्वेक्षण नहीं कराया है.उन्होंने राष्ट्रीय जनगणना, 2021 नहीं करायी ,लेकिन अचानक आम चुनाव के दौरान ध्रुवीकरण के एकमात्र उद्देश्य के साथ पीएम-इएसी की रिपोर्ट पर डेटा लेकर सामने आयी है. लोगों द्वारा पूरी तरह से अस्वीकार किये जाने को महसूस करते हुए पीएम और आरएसएस का तंत्र भय फैलाने का सहारा ले रहा है. लोगों को ऐसे विभाजनकारी प्रयासों से सावधान रहना चाहिए.भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि 18 वीं लोकसभा चुनाव के तीन चरणों में देश की जनता ने भाजपा को नकार दिया है.इसके बाद प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की आबादी पर रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में 1950 और 2015 के बीच दुनियाभर के देशों में आबादी की धार्मिक संरचना में बदलाव के बारे में बताया गया है. जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है. इस पर प्रधानमंत्री कुछ नहीं बोलते हैं. उन्होंने कहा कि देश की जनता इस बार मुद्दे पर वोट कर रही है.केंद्र की सत्ता से भाजपा की विदाई तय है.
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