मेसरा शिक्षा के लिए क्षेत्रीय भाषा में प्रौद्योगिकी विषय पर शनिवार को मनरखन महतो बीएड कॉलेज में एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी. मुख्य अतिथि राज्य खुला विश्वविद्यालय के कुलपति त्रिवेणी नाथ साहू ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा में प्रौद्योगिकी के प्रयोग से शिक्षा बेहतर होगी और उसमे क्रांति आयेगी. क्षेत्रीय भाषा राज्य की अपनी पहचान होती है. संरक्षण व संवर्धन के बिना यह अपने अस्तित्व के लिए जूझता रहेगा. उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व दिया गया है. इसके प्रयोग से विद्यार्थी अपनापन का अनुभव कर रुचिकर महसूस करते हैं. इग्नू नयी दिल्ली के प्रोफेसर डॉ अरविंद कुमार झा ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा में तकनीक से इसे जानने की इच्छाशक्ति बढ़ती है. 21वीं शताब्दी में तकनीक का प्रभाव विद्यार्थियों पर गंभीर छाप छोड़ेगा. साथ ही आरयू के टीआरएल विभाग के पूर्व एचओडी डॉ हरी उरांव, संतोष बीएड कॉलेज के निदेशक डॉ रश्मि, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के एचओडी डॉ तनवीर युनुस, मां विंध्यवासिनी बीएड कॉलेज हजारीबाग के रिसोर्स पर्सन डॉ चेतलाल प्रसाद ने भी उक्त विषय पर अपनी बातें रखीं. धन्यवाद ज्ञापन समन्वयक ज्ञापन ज्योति बाला ने किया. समारोह में शोधार्थियों व प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये. मौके पर ट्रस्टी बिरेन्द्रनाथ ओहदार, खुशबू सिंह, कृति काजल, उर्मिला देवी, निदेशक मनोज कुमार महतो, प्रबंधक मुकेश कुमार, प्रशासिका मीना कुमारी, प्राचार्य डॉ दूधेश्वर महतो, डॉ आरती कुमारी, डॉ प्रतिमा त्रिपाठी, डॉ ऋचा पद्मा, दशरथ महतो आदि मौजूद थे.
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