प्रमुख संवाददाता, जमशेदपुर
स्टील सिटी की लाइफलाइन कहे जाने वाले सुवर्णरेखा और खरकई नदी का प्रदूषण बढ़ गया है. नदी का पानी बदबू दे रहा है. जलकुंभी ने नदी में डेरा जमा लिया है. हालात है कि नाले की तरह नदी से बदबू आ रहा है. लोग अब इस पानी में नहाने की भी स्थिति में नहीं हैं. यही हालात बागबेड़ा से लेकर मानगो पुल तक है. जलकुंभी के कारण नदी का बहाव ठहर सा गया है. इसे लेकर प्रशासन की ओर से किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.एनजीटी को सरकार और प्रशासन लिखित हलफनामा दे चुका है, सभी नाले पर लगेगा एसटीपी
सुवर्णरेखा नदी हो या खरकई, लगभग 16 से अधिक नाले सीधे नदी में खोले गये हैं. जमशेदपुर अक्षेस, टाटा लीज एरिया, रेलवे समेत अन्य इलाकों के नाले को सीधे तौर पर नदी में बहा दिया जा रहा है. इसे लेकर एक केस एनजीटी में लंबित है. एनजीटी में सरकार और प्रशासन यह लिखित तौर पर दे चुका है कि वे लोग नाले का पानी ट्रीटमेंट करने के बाद ही नदी में छोड़ें. वहीं अब तक इस दिशा में ना तो टाटा स्टील कुछ कर रही है और ना ही जिला प्रशासन की ओर से कोई कदम उठाया जा रहा है.नदी के पुल से डाले जा रहे हर दिन कचरा
नदी पर बने लगभग सभी पुलों के ऊपर से कचरा हर दिन डाला जा रहा है. यहीं वजह है कि हर पुल के नीचे कचरा का जमावड़ा लगा है.नदी को साफ करने के लिए एक वृहद मुहिम को धरातल पर उतारने की जरूरत : दिनेश मिश्र
पर्यावरणविद और नदियों को लेकर आंदोलन चलाने वाले दिनेश मिश्र ने कहा कि नदी को साफ करने के लिए वृहद मुहिम को धरातल पर उतारने की जरूरत है. सिर्फ योजना बनाने से नहीं चलेगा. योजना का क्रियान्वयन जनभागीदारी के माध्यम से कराने की जरूरत है.
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