राउरकेला. राउरकेला इस्पात संयंत्र के मानव संसाधन विकास केंद्र (एचआरडी) सेंटर के गोपबंधु सभागार में 381 इंजीनियरिंग छात्रों के प्रथम बैच ने अवकाशकालीन प्रशिक्षण के अभिविन्यास कार्यक्रम में भाग लिया. मुख्य महा प्रबंधक (एचआरडी) राजश्री बनर्जी ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की. इस अवसर पर सहायक महा प्रबंधक (एचआरडी) केके जायसवाल उपस्थित थे. इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को एकीकृत इस्पात संयंत्र की गतिविधियों से परिचित कराना और प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान बरती जाने वाली आवश्यक सुरक्षा सावधानियों से अवगत करना है.
प्रशिक्षार्थियों के लिए हेलमेट व सुरक्षा जूते अनिवार्य
एक दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रस्तुतियों और ऑडियो- विजुअल माध्यम से आरएसपी के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, प्रक्रिया प्रवाह, उत्पादों और सुरक्षा नियमों एवं दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी दी गयी. इसके बाद उन्हें अलग-अलग विभागों में बांटा गया, जहां वे कार्यों को सीख कर अपने निर्दिष्ट दिशानिर्देशों के तहत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर सकते थे. संयंत्र में प्रवेश के लिए प्रत्येक प्रशिक्षार्थी के लिए सुरक्षा हेलमेट और सुरक्षा जूते जैसे सुरक्षात्मक उपकरण अनिवार्य कर दिये गये हैं. कार्यक्रम का संचालन उप प्रबंधक (एचआरडी) एसके शुक्ला द्वारा किया गया.
छात्रों को तीन बैच में विभाजित कर दिया जा रहा प्रशिक्षण
हर गर्मी में इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों से संबंधित इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं के सैकड़ों छात्र प्लांट द्वारा दिये जा रहे अवकाशकालीन में शामिल होते हैं और स्टील बनाने की बारीकियां सीखते हैं. इसमें न केवल ओडिशा बल्कि पूरे देश से छात्र अपनी इंटर्नशिप के तहत इस पाठ्यक्रम में शामिल होते हैं. एक विशाल एकीकृत इस्पात संयंत्र की तकनीकी और कार्य का अनुभव छात्रों के मानसिक क्षितिज को व्यापक बनाता है और कई मायनों में उनके दृष्टिकोण को भी आकार देता है. बड़ी संख्या में आवेदकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण तीन बैच में आयोजित किया जाना निर्धारित किया गया है. पाठ्यक्रम की प्रशिक्षण अवधि 15 से 45 दिनों तक आवश्यकता के आधार पर भिन्न होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है