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रेशम की डोर से फिर से कपड़े होंगे तैयार

बिहार में फिर से रेशम उद्योग को पुनर्जीवित करने की पहल शुरू हुई है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर को इसका जिम्मा दिया गया है.

– बीएयू को रेशम उद्योग को पुनर्जीवित करने मिला जिम्मा – महिला किसान सशक्तीकरण केंद्र खोल रेशम उद्योग की बारीकियां बतायी जायेंगी संवाददाता, पटना बिहार में फिर से रेशम उद्योग को पुनर्जीवित करने की पहल शुरू हुई है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर को इसका जिम्मा दिया गया है. तसर सिल्क से कपड़े तैयार किये जायेंगे. ग्रामीण परिवेश की महिलाओं से रेशम के कच्चे पदार्थ तैयार कराया जायेगा. कोकून से कपड़े तैयार होंगे. इससे रेशम उद्योग फिर से खड़ा होगा. ग्रामीण स्तर पर रोजगार का सृजन होगा. खासकर ग्रामीण महिलाओं को घर में ही रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. बीएयू में महिला किसान सशक्तीकरण केंद्र खोला जायेगा. इसमें रेशम उद्योग सहित अन्य कृषि आधारित उद्योग का प्रशिक्षण मिलेगा. ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी रूप से मजबूत किया जायेगा. इसके लिए बीएयू और इकोटसर सिल्क मिलकर काम करेंगे. भागलपुरी सिल्क का पुराना गौरव फिर से लाने का प्रयास किया जायेगा. रेशम उद्योग के लिए 25 लाख तक का अनुदान रेशम उद्योग को स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से अनुदान की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए चार से 25 लाख रुपये तक का रेशम उद्योग के व्यापारियों को अनुदान दिया जायेगा. बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं को रेशम उद्योग से जोड़ा जायेगा. बीएयू में खुलेगा महिला सश्क्तीकरण केंद्र: वीसी बीएयू के वीसी डॉ डीआर सिंह ने बताया कि बीएयू में महिला किसान सश्क्तीकरण केंद्र खोला जायेगा. इसमें रेशम उद्योग सहित अन्य कृषि संबंधी उद्योग का प्रशिक्षण मिलेगा.

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