रांची. रांची विवि अंतर्गत विभिन्न कॉलेजों के स्नातक सत्र 2017-20 तथा सत्र 2018-21 के जेनिरक विषय में फेल विद्यार्थियों ने पास कराने को लेकर दिनभर मुख्यालय स्थित प्रशासनिक भवन में तालाबंदी की और शाम 6:30 बजे तक हंगामा किया. हंगामा करने के बाद विद्यार्थी कैंपस में ही धरना पर बैठ गये. कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा के निर्देश पर रजिस्ट्रार विनोद नारायण, डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू, प्रॉक्टर डॉ मुकुंद चंद्र मेहता, शिकायत कोषांग के डॉ अरुण कुमार और वीसी के सचिव नवीन चंचल ने कई बार समझाने का प्रयास किया, लेकिन नाराज विद्यार्थी नहीं माने. अंतत: विवि प्रशासन को कैंपस में पुलिस बुलानी पड़ी.
इधर रांची विवि प्रशासन ने विवि मुख्यालय में हंगामा करने वाले पांच नामजद तथा 30 अज्ञात विद्यार्थियों के खिलाफ कोतवाली थाना में देर रात एफआइआर कर दिया. विवि के प्रॉक्टर द्वारा थाना को दिये आवेदन में मुख्य रूप से अमितेश कुमार दुबे, नवीन कुमार महतो, अनमोल साहु, मो शाद, कुंदन कुमार सिंह सहित 25-30 अज्ञात विद्यार्थियों पर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया है. विवि द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि ये विद्यार्थी सत्र 2017-20 तथा सत्र 2018-21 के हैं और जेनरिक इलेक्टिव पेपर में फेल हो गये हैं. इन लोगों ने शनिवार को असंवैधानिक रूप से परीक्षा में उत्तीर्ण करने की मांग के लेकर धरना-प्रदर्शन एवं सरकारी कार्य में बाधा डालने का कार्य किया है. इधर विवि प्रशासन ने आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों को उनके द्वारा लिखी गयी उत्तरपुस्तिका भी दिखायी, जिसमें उन्होंने कुछ लिखा ही नहीं था या फिर गलत उत्तर लिखा था. इसके बावजूद विद्यार्थी पास कर देने का दबाव बना रहे थे.आधा से डेढ़ पेज में ही लिखे गये थे जवाब
हंगामा कर रहे विद्यार्थियों का कहना था कि जेनरिक विषय में 90 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हो गये हैं. कुलपति ने जब अधिकारियों के साथ आपात बैठक कर इसकी जांच करायी, तो पाया कि परीक्षा में कुल 25419 विद्यार्थी शामिल हुए, जिनमें 19671 उत्तीर्ण हुए. 3683 विद्यार्थी फेल हो गये हैं, जबकि 2761 विद्यार्थी बीच में ही परीक्षा छोड़ गये, जिससे उनका रिजल्ट पेंडिंग रखा गया है. इधर, कुलपति ने फेल विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिका भी निकाली. जिसमें पाया गया कि सभी विद्यार्थियों ने आधा से डेढ़ पेज में ही अधिकतम पांच प्रश्नों का उत्तर दिया है. कई विद्यार्थियों ने एक ही प्रश्न का उत्तर दिया है और वह भी गलत, जबकि उत्तरपुस्तिका के सभी पेज खाली छोड़ दिये गये हैं. इस दौरान कुलपति ने अपने कार्यालय में विद्यार्थियों को उनकी उत्तर पुस्तिकाएं दिखायी, इस पर विद्यार्थियों ने कहा कि मानवता के नाम पर हमें पास कर दीजिये.परीक्षक भी आंसर शीट में जता चुके हैं आपत्ति
जानकारी के अनुसार, कई आंसर शीट में परीक्षक ने अंत में लिखा है कि विद्यार्थी ने ऊल-जुलूल उत्तर लिख कर परीक्षक को बेवकूफ बनाने का प्रयास किया है. बताया गया कि बिना प्रैक्टिकल वाले पेपर की परीक्षा 100 अंकों की थी, जिसमें पास मार्क 40 अंक लाना था. वहीं प्रैक्टिकल वाले पेपर में थ्योरी 75 अंक तथा प्रैक्टिकल 25 अंक का था. थ्योरी और प्रैक्टिकल मिला कर 40 अंक लाना था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है