Katihar news : केले की खेती के लिए प्रसिद्ध कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र में महज 10 वर्ष पूर्व पनामा बिल्ट नामक रोग लगने के कारण किसानों का इससे मोह भंग होने लगा. फिर केले की खेती का रकबा घटने लगा और किसान मक्के की खेती की तरफ मुड़े. इसी बीच महिनाथपुर गांव के लघु किसान संजय कुमार सिंह यूट्यूब से वीडियो देख ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू किये. हालांकि वह अभी महज 10 कट्ठे में ही ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं, फिर भी उन्हें इससे अच्छा मुनाफा हो रहा है.
खेत से ही बिक जाता है फल
किसान संजय कुमार सिंह ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट औषधीय तत्वों से भरपूर है. इसलिए इस फल को बाजार की दिक्कत नहीं है. जानकारी होने पर इससे जुड़े व्यवसायी लेने के लिए खुद ही पहुंचते हैं. जिले के कोढ़ा, मनसाही, कटिहार आदि जगहों में भी इसकी खेती होने लगी है. इस फल का बाजार भाव 300 से लेकर 400 रुपये तक प्रति किलो है. पहले वर्ष करीब ढाई लाख रुपये खर्च पड़ा. दूसरे वर्ष खर्च घटकर एक तिहाई या एक चौथाई रह जाता है. पांचवें वर्ष में प्रथम वर्ष की अपेक्षा महज 10 प्रतिशत ही खर्च होता है. इसमें एक कट्ठे में 30 से 40 हजार रुपये मुनाफा हो जाता है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती का कैसे आया आइडिया
संजय कुमार सिंह ने बताया कि पांच-छह वर्ष पूर्व यूट्यूब के माध्यम से ही ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी मिली. फिर वह ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए कृषि विभाग से जानकारी लिये और बंगाल से ड्रैगन फ्रूट का पौधा लाकर खेत में लगाया. वह पांच वर्षों से ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं और अब तक करीब 12 लाख रुपये मुनाफा कमा चुके हैं. उन्होंने कहा कि मक्का, गेहूं, सरसों, दलहन व तिलहन की खेती में मेहनत भी ज्यादा है और उस मुताबिक मुनाफा ज्यादा नहीं होता है. पर, ड्रैगन फ्रूट की खेती में मेहनत व लागत भी बहुत कम है और मुनाफा बहुत ज्यादा है. इसलिए लोगों को परंपरागत खेती के साथ-साथ ड्रैगन फ्रूट की भी खेती करनी चाहिए.
120 से 150 रुपये का पड़ता है एक पौधा
संजय ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट के एक पौधे की कीमत 120 से 150 रुपये होती है. इसे 10- 10 फीट की दूरी पर लगाया जाता है तथा पौधों के लिए आठ से दस फीट लंबा सीमेंट का खंभा लगाया जाता है. उनके खेत में 930 पौधे लगे हैं. फूल आने के बाद सवा से डेढ़ महीने में फल तैयार हो जाता है. एक फल का मिनिमम वजन 300 ग्राम से लेकर 500 ग्राम तक होता है. फल टूटने के बाद फिर से फूल आना शुरू होता है. एक वर्ष में तीन बार फलन होता है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए यहां की मिट्टी उपयुक्त
कटिहार के जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए तापमान सामान्य एवं दोमट व बालू मिश्रित खेत की आवश्यकता होती है. इसके लिए यहां की मिट्टी उपयुक्त है तथा इसकी खेती क्षेत्र में सफलतापूर्वक की जा सकती है.
ड्रैगन फ्रूट में औषधीय गुण
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित आर्य ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट में औषधीय गुण होते हैं. इसमें विटामिन ए, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ड्रैगन फ्रूट कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर को कम करने के साथ-साथ वजन घटाने में भी मददगार है. खासकर खून की कमी वाले लोगों को यह फल खाना चाहिए. यह लीवर एवं किडनी के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद है.